जिले में नए निजी नलकूप खनन खनन कराने वाले हो जाएं सावधान, कलेक्टर ने जारी किया नया आदेश।

जिला दण्डाधिकारी ने जिले में निरंतर भू-जल की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए जिले में निजी नलकूप खनन करने पर लगाया प्रतिबंध।
उल्लंघन करने पर दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रूपये तक का जुर्माना से किया जायेगा दण्डित।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी भिण्ड संजीव श्रीवास्तव ने मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधन अधिनियम 2002 (अधिनियम) की धारा-3 के अंतर्गत भिण्ड जिले के विकासखण्ड गोहद के नगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम पंचायत अंगसोली, डांग छँकुरी, खितोली, गढ़रोली, निबरोल, खरौआ, इटायली मौ को 30 जून 2024 तक जलअभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है।
उक्त वर्णित क्षेत्र में पेयजल के अतिरिक्त जल के अन्य उपयोग जैसे भवन निर्माण, वाहन धुलाई इत्यादि उपयोग प्रतिबंधित किया है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने जिले में निरंतर भू-जल की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए अधिनियम की धारा 6 (1) के अंतर्गत जिले में निजी नलकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया है।
राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीन जो अवैध रूप से जिले के प्रतिबंधित क्षेत्र में नलकूप खनन करते पाये जाने पर जप्त कर, पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार होगा।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गोहद को प्रतिबंधित क्षेत्रान्तर्गत निमित्त अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच के प्रश्चात अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत किया जाता है।इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा-9 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रूपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है।उक्त आदेश शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप खनन पर लागू नहीं होगा।निजी नलकूप एवं अन्य जलस्त्रोतों का आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल हेतु अधिनियम की धारा-4 के अंतर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा।




