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देशधर्म

सनातन की रक्षा के लिये शास्त्र के साथ-साथ शस्त्र भी जरूरी है- पंडित विमल कृष्ण पाठक महाराज।

घर की लक्ष्मी को दुर्गा का रूप भी धारण करना होगा - भागवत आचार्य।

हर सनातनी को शास्त्र के साथ-साथ शस्त्र भी उठाना होगा- पंडित विमल कृष्ण पाठक महाराज।

घर की लक्ष्मी को दुर्गा का रूप भी धारण करना होगा – भागवत आचार्य।

भिंड जिले के ग्राम अतरसुमा में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन चल रहा है जिसमें श्रीधाम वृंदावन से पधारे पंडित विमल कृष्ण पाठक महाराज बिलाव वाले के श्री मुख से कथा का वर्णन किया जा रहा है, जिसे सुनने के लिए गांव से ही नहीं अपितु क्षेत्र से भी हजारों की संख्या में श्रोता पहुंच रहे हैं। पंडित विमल कृष्ण पाठक महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा के दौरान सनातन धर्म की रक्षा के लिए भी विरोधियों पर जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा कि सनातन धर्म खतरे में है इसकी रक्षा करने के लिए हर सनातनी के लिए शास्त्र के साथ-साथ शस्त्र भी  जरूरी है, इतना ही नहीं पंडित विमल कृष्ण पाठक महाराज ने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो हर घर की लक्ष्मी को भी दुर्गा का रूप धारण करना होगा। उन्होंने देश में चल रहे बटोगे तो कटोगे बयान एवं बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा का भी समर्थन किया है। पंडित विमल कृष्ण पाठक महाराज ने कहा कि सनातनी को अब अपनी पहचान छुपाना नहीं बल्कि दिखाना है जिसके लिए सर पर चोटी, हाथ में कलावा, मस्तक पर तिलक यह सब दिखाना भी जरूरी है। अतरसुमा गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन पंडित विमल कृष्ण पाठक महाराज ने बेटियों को लेकर भी प्रसंग सुनाया जिसे सुनकर पंडाल में बैठे सभी लोग भावुक हो गए, उन्होंने कहा कि बेटा और बेटी में भेदभाव ना करें बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ सिर्फ नारा ही नहीं बल्कि इसको अपने जीवन में उतारना होगा उन्होंने कहा कि बेटियां पूरे घर का ख्याल रखती हैं, बिटिया नहीं होगी तो यह रिश्ते कहां से होंगे इसलिए बेटियों को प्यार दुलार के साथ साथ उन्हें अच्छी शिक्षा भी दें, कथा के छठवें दिन भागवताचार्य ने भगवान के विवाह का सुंदर वर्णन भी सुनाया।

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