तन-मन-धन और वतन के लिए अभिशाप है नशा : प्रो. इकबाल अली
नशा सामाजिक बुराई है ,इसे जड़ से खत्म करें : प्राचार्य चौहान

उत्कृष्ट विद्यालय में नशा निरोधक दिवस पर संगोष्ठी आयोजित
भिण्ड। नशा करने से न केवल शारीरिक क्षति होती है, वल्कि धन की बर्बादी के साथ मानसिक संतुलन भी बिगड़ जाता है। नशा समाज और राष्ट्र के लिए अभिशाप है। यह बात अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर पर शा. उत्कृष्ट विद्यालय क्र.एक भिण्ड में आयोजित संगोष्ठी में प्रो. इकवाल अली ने मुख्य वक्ता की हैसियत से कही।
उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी नशे की चपेट में है, युवा वर्ग नशे के शिकंजे में फंसता जा रहा है, उन्हें नशे से बचाने का दायित्व जागरुक समाज पर है, वे स्वयं नशे से दूर रहें और नशे के दुष्परिणामों से भावी पीढ़ी को आगाह करें।
संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे संस्था प्राचार्य पीएस चौहान ने कहा कि नशा सर्वनाश की जड़ है, इस सामाजिक बुराई को हम संकल्प के साथ खत्म करें। हमें अच्छी चीजों का नशा करना चाहिए। नशा ही करना है तो माता-पिता की सेवा का नशा करें, राष्ट्र उत्थान के कार्य करें, पढ़ाई का नशा करें, जिससे आपके भले के साथ समाज और देश का भी भला हो।
विशिष्ट अथिति प्रधान आरक्षक रामकुमार पाण्डेय ने कहा कि नशे की लत के कारण ही आज दुर्घटनाओं और दुष्कृत्यों की संख्या में दिनों दिन बढ़ोतरी होती देखी जा रही है। हर बुरे कार्य के पीछे नशे का हाथ है। नशे से तन के नाश के साथ मन का भी नाश हो जाता है। आज देश में दवाओं का दुरुपयोग और अवैध तस्करी के बढ़ते यवा इस चंगुल में फंसते जा रहे है। बच्चों को इससे दूर रखने का दायित्व हम सबका है। संगोष्ठी में छात्र-छात्राओं के साथ उच्च माध्यमिक शिक्षक घनश्याम राठौर और प्रीती व्यास ने भी अपने विचार रखे। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. धीरज सिंह गुर्जर ने सभी को स्वयं नशा न करने के संकल्प के साथ समाज को इस बुराई से दूर रखने की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में आरबी शर्मा, केएन बाजपेई, सतेन्द्र सिंह, यतीन्द्र शर्मा, कमलेश कुशवाह, मधु शर्मा सहित छात्र एवं एनएसएस के स्वयं सेवक उपस्थित थे।




