जिला दण्डाधिकारी ने ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर लगाई रोक।
लोक परिशांति बनाए रखने तथा विद्यार्थियों को परीक्षा तैयारी हेतु शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करने किया आदेश।
जिला दण्डाधिकारी ने ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर लगाई रोक।
लोक परिशांति बनाए रखने तथा विद्यार्थियों को परीक्षा तैयारी हेतु शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करने किया आदेश।
मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम तथा ध्वनि प्रदूषण नियम के तहत परीक्षा समाप्ति की अवधि के लिए जारी किया आदेश।
आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध की जाएगी दण्डात्मक कार्यवाही।
जिला दण्डाधिकारी भिण्ड संजीव श्रीवास्तव ने लोक परिशांति बनाए रखने तथा विद्यार्थियों को परीक्षा तैयारियों हेतु शांति पूर्ण वातावरण प्रदान करने हेतु आदेश जारी कर कहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी जिला भिण्ड द्वारा अवगत कराया गया है कि माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित हायर सेकेण्डरी तथा हाईस्कूल की वार्षिक परीक्षाएं दिनांक 25 फरवरी 2025 से प्रारम्भ होकर दिनांक 25 मार्च 2025 तक संपन्न होगी। इस दौरान कुछ व्यक्तियों या समूहों द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का दुरूपयोग कर बहुत अधिक तीव्रता से उनको बजाये जाने की संभावना है, जिससे परीक्षार्थियों को परीक्षा की तैयारियों में बाधा उत्पन्न हो सकती है तथा लोक परिशांति भी विक्षुब्ध होगी। जिससे लोगों के मध्य विवाद की स्थिति भी निर्मित होने की प्रबल संभावना है।
जिला दण्डाधिकारी भिण्ड संजीव श्रीवास्तव ने लोक परिशांति बनाए रखने तथा विद्यार्थियों को परीक्षा तैयारियों हेतु शांति पूर्ण वातावरण प्रदान करने हेतु मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनमयन एवं नियंत्रण) नियम 2000 के तहत तत्काल प्रभाव से परीक्षा समाप्ति की अवधि के लिए आदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति ध्वनि विस्तारक यंत्र जैसे लाउड स्पीकर, डेक, डीजे इत्यादि का उपयोग किसी सभा, सम्मेलन, जलूस, कार्यक्रम, जलसा या चलित वाहन इत्यादि में नहीं करेगा।
उक्त आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध म०प्र० कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। चूंकि यह आदेश तत्काल रूप से प्रसारित किया जाना आवश्यक है। ऐसी स्थिति में सभी संबंधित व्यक्तियों को सुना जाना संभव नहीं है। अतः यह आदेश एक पक्षीय रूप से जारी किया जाता है।
इस आदेश का उल्लंघन करने की दशा में भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 तथा परीक्षा अधिनियम 1937 एवं अन्य अधिनियमों के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश भिण्ड जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर परीक्षा समाप्ति होने तक प्रभावी रहेगा।




