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ऑटिज्म को मानसिक बीमारी से भी जाना जाता है : राठौड़

महिला बाल विकास समिति ने मनाया ऑटिज्म दिवस

भिण्ड। संस्था महिला बाल विकास समिति भिण्ड द्वारा राष्ट्रीष न्यास नई दिल्ली के मार्गदर्शन में ऑटिज्म दिवस गांधी नगर स्थित दिशा कम विकास केन्द्र में मनाया गया। जिसमें दिशा कम विकास केन्द्र के दिव्यांग बच्चों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में संस्था के संचालक शिवभान सिंह राठौड़ ने बताया कि ऑटिज्म को मानसिक बीमारी से भी जाना जाता है, इस बीमारी में मस्तिष्क का विकास पूरी तरह से नहीं हो पाता है, इस बीमारी की चपेट में आने के बाद बच्चा या कोई इंसान बाहरी दुनिया से अलग अपनी दुनिया में खोया रहता है, इसलिए कुछ लोग उन्हें मंदबुद्धि भी समझने लगते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। यह सिर्फ एक मिथक है, ऑटिज्म से ग्रस्त लोग मंदबुद्धि नहीं होते हैं। ये बात जरूर है कि समाज से घुलने मिलने में उनमें झिझक होती है।
इस क्रम में विशेष शिक्षक राघव सिंह ने कहा कि ऑटिज्म की पहचान कैसे करें, जब बच्चे का कॉन्फिडेंस कम हो और वह किसी से बात करते समय आई कॉन्टैक्ट न करें। ऐसा करते समय उसे घबराहट हो, ऐसे बच्चे ज्यादा वक्त अकेला रहना ही पसंद करते हैं, उन्हें किसी के साथ उठना-बैठना पसंद नहीं होता है, इस बीमारी की चपेट में आने के बाद बच्चे जब बात करते हैं तो अपने हाथों का इस्तेमाल नहीं करते हैं, ऐसे बच्चे किसी तरह का संकेत नहीं दे पाते हैं, एक ही तरह का गेम खेलना पसंद करने वाले बच्चे भी ऑटिज्म की चपेट में हो सकते हैं, ऑटिज्म पीडि़त किसी बात का जवाब देने में असमर्थ होते हैं, किसी की बात को अनसुना भी करते हैं, ऐसे बच्चों के लिए बदलाव को स्वीकार करना आसान नहीं होता है।
विशेष शिक्षक सतेन्द्र ने बताया कि दिव्यांग बच्चे दिशा कम विकास केन्द्र में ऑटिज्म को कई नामों से जाना जाता है, जैसे स्वलीनता, मानसिक रोग, स्वपरायणता। हर साल दो अप्रैल को आटिज्म जागरुकता दिवस मनाया जाता है। लेकिन सवाल ये उठता है कि ऑटिज्म है क्या। दरअसल ऑटिज्म मस्तिष्क के विकास में बाधा डालने और विकास के दौरान होने वाला विकार है। ऑटिज्म से ग्रसित व्यक्ति बाहरी दुनिया से अनजान अपनी ही दुनिया में खोया रहता है। क्या आप जानते हैं व्यक्ति के विकास संबंधी समस्याओं में ऑटिज्म तीसरे स्थान पर है यानी व्यक्ति के विकास में बाधा पहुंचाने वाले मुख्य कारणों में ऑटिज्म भी जिम्मेदार है। इस अवसर पर चाइल्डन लाइन टीम ने दिव्यांग बच्चों को फल बांटकर मुह मीठा कराया। कार्यक्रम में दिशा कम विकास में राघव सिंह राठौड़, सतेन्द्र सिंह राजावत, देवकी, राहुल बाजपेयी एवं चाइल्ड लाइन टीम सदस्य अन्नू तोमर, उपेन्द्र व्यास, अनमोल चतुर्वेदी, धीरेन्द्र आदि लोगों ने सहयोग दिया।

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