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शिव महापुराण कथा में उमड़ा भक्तों का विशाल जनसैलाव

लहार। क्षेत्र के ग्राम श्यामपुरा में आयोजित शिव महापुराण कथा में कथा व्यास आचार्य सूरज महाराज ने मंगलवार को शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रृद्धालु भाव-विभोर हो गए। इस दौरान शिव-पार्वती विवाह की झांकी भी सजाई गई।
कथा व्यास सूरज महाराज ने कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उनकी शादी की चिंता सताने लगी, माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया। उन्होंने कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए, लेकिन माता पार्वती ने खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार किया।
शिव विवाह प्रसंग के दौरान शिव-पार्वती की झांकी पर श्रृद्धालुओं ने पुष्प बरसाए। शिव-पार्वती विवाह में श्रद्धालु झूमकर विवाह गीत गाने लगे। कथा विश्राम के बाद आरती उतारकर प्रसाद वितरित किया गया। श्यामपुरा में आयोजित शिव महापुराण कथा का आयोजन श्रीमती इत्र कुमारी/द्वारका प्रसाद कांकोरिया द्वारा कराया जा रहा है। जो प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से प्रारंभ होती है। कथा श्रवण करने हेतु क्षेत्र के सैकड़ों धर्मप्रेमी बंधु कथा स्थल पर पहुंच रहे हैं। कथा का समापन13 मई को तथा पूर्णाहुति भण्डारा 14 मई को होगा। शिव महापुराण कथा में प्रतिदिन सुबह आठ बजे से 11 बजे तक पार्थिव शिवलिंग का निर्माण एवं पूजन किया जाता है।

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