भारतीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस भिंड में एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन।

भारतीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस भिंड में एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन।
प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस भिंड में भारतीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय प्राचार्य डॉ आर.ए. शर्मा के मार्गदर्शन और स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी प्रो. मोहित कुमार दुबे के निर्देशन में किया गया। सर्वप्रथम प्रकोष्ठ प्रभारी मोहित कुमार दुबे द्वारा भारत की अंतरिक्ष में उपलब्धि के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया उन्होंने आर्यभट्ट से लेकर गगनयान तक भारत के द्वारा किए गए अंतरिक्ष में उपलब्धि को विद्यार्थियों के साथ विचार विमर्श किया।
महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. आर.ए. शर्मा ने बताया कि प्राचीन भारतीय विद्वानों के खगोलीय योगदान के बावजूद, “अंतरिक्ष” (स्पेस) शब्द आज के संदर्भ में आधुनिक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित है, जो भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की स्थापना से शुरू हुआ था। आधुनिक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की जड़ें 1960 के दशक में खोजी जा सकती हैं, जहाँ आर्यभट्ट उपग्रह का नाम प्राचीन गणितज्ञ के नाम पर रखा गया और पहला रॉकेट प्रक्षेपित किया गया। आज का अंतरिक्ष कार्यक्रम “आर्यभट्ट से गगनयान” जैसी कार्यशालाओं के माध्यम से प्राचीन ज्ञान को आधुनिक उपलब्धियों से जोड़ने पर केंद्रित करता है।
इस दौरान मानसी भदौरिया, सची भदौरिया, आंचल राजावत, तनुश्री दुबे के द्वारा पोस्टर मेकिंग और निबंध लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया गया और प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त किया गया। इस अवसर पर डॉ. आशीष गुप्ता, डॉ. रवि जैन, प्रो. अभिषेक कुमार जैन सहित समस्त महाविद्यालय स्टाफ उपस्थित रहा।




