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गेहूँ एवं चना का प्रजनक बीज विक्रय हेतु उपलब्ध।

गेहूँ एवं चना का प्रजनक बीज विक्रय हेतु उपलब्ध।

प्रभारी अधिकारी विशेष कृषि अनुसंधान केन्द्र भिण्ड ने बताया है कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के अन्तर्गत विशेष कृषि अनुसंधान केन्द्र इटावा रोड़ भिण्ड पर गेहूँ की उन्नतशील किस्म टीआरवीडब्ल्यू-155 प्रजनक बीज व एचआई-1544 राजविजय बीज तथा चना की उन्नतशील किस्में आरवीजी-202, जेजी- 24 विक्रय हेतु उपलब्ध है। ये उन्नतशील किस्में किसान भाई अपने खेत पर लगाते हैं तो यह बीज पाँच से छः साल तक उपयोग कर सकते हैं। हर साल नया बीज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी एवं इस बीज का हर साल उत्पादन बढ़ता जाता है। गेहूँ की उन्नतशील किस्में टीआरवीडब्ल्यू-155 व गेहूँ-1544 तथा चना आरवीजी-202 राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा विकसित की गई है व किस्म जेजी-24 चना, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर से विकसित की गई है। यदि किसान भाई का खुद का बीज होगा तो हर साल बीज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे किसान भाईयों की खेती में लागत की कमी आयेगी और आय अधिक होगी।
बीजों की पैकिंग गेहूँ-40 किलोग्राम तथा चना-30 किलोग्राम में विक्रय हेतु उपलब्ध हैं।
अधिक जानकारी हेतु मोबाईल नंबर 9329622315 पर सम्पर्क करें।

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