भिंड पुलिस की एसपी के निर्देशन में सराहनीय भूमिका, बिना एफआईआर किए 31 परिवारों को टूटने से बचाया।

पुलिसिंग का एक और तरीका शहर में देखा जा सकता हैं
“विगत 04 माह में 31 मामलों में बिना एफआईआर कर परिवारों को टूटने से बचाया”
समाज में नारी सम्मान एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिलों में महिला थाना खोले गये जहां महिला अपने साथ घटित होने वाले अपराध चाहे व लैंगिक प्रकृति का हो, पारिवारिक शोषण हो दहेज के लिए किया गया अत्त्याचार हो या किसी अन्य प्रकृति का अपराधों की शिकायत बेझिझक महिला अधिकारी या कर्मचारी से कर सकती हैं। यहां उनकी समस्याओं/शिकायतों को गंभीरता से सुना जाकर कार्यवाही की जाती है। पुलिस अधीक्षक डॉ. असित यादव तथा संजीव पाठक अति०पुलिस अधीक्षक भिण्ड के निर्देशन में महिला थाना प्रभारी कांति राजपूत एवं पुलिस टीम द्वारा परिवार परामर्श केन्द्र में दोनो पक्षों को सुना जाकर समस्याओं को सुलझाने व पुनः परिवार को मुख्य धारा में लाने के भरसक प्रयास किये जाते हैं जिसके फलस्वरूप माह फरवरी 2024 से मई 2024 तक 96 पारिवारिक शिकायतों में से 31 परिवार को काउंसलिग के माध्यम से पुलिस ने टूटने से बचाया बल्कि इन परिवारों के लोगों को जुर्म की दुनिया में जाने से रोका एवं केवल 13 शिकायतों में आपसी समन्वय न होने से एफआईआर दर्ज की गई। इनमें कई मामले वो थे जो बाद में दहेज एक्ट में बदलते लेकिन पुलिस की असरदार समझाइश (काउंसलिंग) ने ऐसा होने से रोका।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा 2021 में महिला थाना खोले जाने का उद्देश्य है कि वे महिलाएं जो सामान्य थानों पर शर्म या झिझक के कारण नहीं पहुंच पाती है वे अपनी-अपनी समस्याओं को सहजता से पुलिस तक पहुंचा सके और पुलिस उनकी समस्याओं को सुनकर उन्हें न्याय दिला सके।




