हरिद्वार से भिंड 600 किलोमीटर की दूरी तय कर जयवीर श्यामवीर की जोड़ी 61 लीटर जल लेकर पहुंची भिंड।

“श्रावण मास शिव भक्ति विशेष”
देश की खुशहाली एवं शांति के लिए हरिद्वार से भरी कावड़।
600 किलोमीटर की दूरी तय कर जयवीर श्यामवीर की जोड़ी पहुंची भिंड।
बरसात जैसी कई बाधाएं भी नहीं रोक सकी शिव भक्ति को।
30 दिन का लंबा सफर तय कर शिव मंदिर में चढ़ाया जल।
भिंड पहुंचने पर जयवीर एवं श्यामवीर का फूल मालाओं से हुआ भव्य स्वागत।
*देश की खुशहाली के लिए पदयात्रा कर हरिद्वार से जल लेकर पहुंचे भिंड*-
श्रावण मास के महीने में देश शिव भक्ति में डूबा नजर आ रहा है, हर तरफ बम बम भोले के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है, शिव मंदिरों पर जल चढ़ाने के लिए भक्तों का ताता लगा हुआ है, मगर हम ऐसे भक्तों की बात कर रहे हैं, जो अपने लिए नहीं बल्कि अपने देश की खुशहाली और शांति के लिए अपना धंधा पानी छोड़कर निकल पड़े हरिद्वार के लिए जी हां जयवीर राजावत एवं श्यामवीर नरवरिया उन्हें यह भी पता नहीं था कि भिंड से हरिद्वार की दूरी कितनी है, बरसात के मौसम में क्या-क्या बाधाएं आएंगी, उनका तो एक ही लक्ष्य था कि देश की खुशहाली के लिए हरिद्वार से जल लाना है। मन में शिव भक्ति का जुनून और शिव शक्ति की वजह से उनकी ऐतिहासिक कांवर यात्रा सफल संपन्न हुई।
*”एतिहासिक यात्रा” भिंड जिले में पहली बार 61 लीटर जल की कांवड़ यात्रा जयवीर श्यामवीर की जोड़ी ने तय की-*
भिंड जिले के अतरसुमा गांव के जयवीर राजावत एवं मानपुरा गांव के श्यामवीर नरवरिया ने 600 किलोमीटर की पदयात्रा कर हरिद्वार गंगा नदी से 61 लीटर जल भरकर देश की खुशहाली के लिए बरसात जैसे मौसम में और कई बंधाओ का सामना कर आखिरकार 30 वें दिन भिंड के प्राचीन मंदिर वनखंडेश्वर एवं अतरसुमा के प्राचीन शिव मंदिर पर पहुंच कर जल चढ़ाया।
*भिंड पहुंचने पर जयवीर एवं श्यामवीर का हुआ भव्य स्वागत-*
हरिद्वार से 61 लीटर जल लेकर जब जयवीर एवं श्यामवीर की जोड़ी भिंड पहुंची तो उनका फूल मालाओं एवं ढोल नगाड़ों से भव्य स्वागत हुआ, जयवीर राजावत एवं श्यामवीर नरवरिया ने बताया कि उन्हें हरिद्वार से लेकर भिंड तक अच्छा सहयोग मिला, सबके सहयोग एवं जगह-जगह स्वागत की वजह से ही उन्हें शक्ति मिली और लोगों के प्यार और शिवजी की कृपा से भिंड पहुंचकर ही वनखंडेश्वर मंदिर एवं अतरसुमा के शिव मंदिर पर जल चढ़ाया है और देश की खुशहाली एवं शांति के लिए कामना की है।
भिंड से प्रदीप राजावत की रिपोर्ट।




