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कुपोषण छोटे बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारी है।

कुपोषण छोटे बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारी है।

हम सब ने ये ठाना है कुपोषण हटाना है बच्चों को स्वस्थ्य बनाना है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिण्ड डॉ. जे.एस. यादव ने बताया है कि अभी दिनांक 22 जुलाई से 16 सितम्बर तक संपूर्ण जिले में दस्तक अभियान चलाया जा रहा है जिसमें जिले की समस्त एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य सदस्यों द्वारा एक टीम के रूप में सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर 0 से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा, जिसमें प्रमुख रूप से दस्त, एनीमिया, कुपोषण, निमोनिया, संक्रमण (सेप्सिस), जन्मजात विकृति आदि की जाँच की जायेगी एवं पुष्टि होने पर उनका उपचार भी किया जायेगा।
इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिण्ड ने जिले के सभी आमजन से अपील की है कि 0 से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र में ले जाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाएं।
परीक्षण के बाद बच्चों में कुपोषण मिलता है तो अपने नज़दीक के शासकीय अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र ( एन.आर.सी.) में बच्चों को लेकर डॉक्टर/नर्सिंग स्टॉफ द्वारा बच्चों की चिकित्सीय जांच करवाएं कुपोषण की पुष्टि होने के उपरांत बच्चे को एन.आर.सी. में 14 दिनों के लिये भर्ती करवाएं, जिसमें उसकी मां भी 14 दिन तक बच्चे के साथ ही रहती है‌। सभी एनआरसी में इसके लिए निःशुल्क सुविधा है और हितग्राही के कोई भी रूपये खर्च नहीं होते हैं, सभी एनआरसी सेंटर्स में भर्ती बच्चों के साथ उनकी माताओं को पौष्टिक आहार जिसमें दूध, दलिया चाय बिस्किट, फल नाश्ता और सुबह शाम पौष्टिक आहार निःशुल्क मिलता है, इसके साथ ही 14 दिन तक भर्ती होने के उपरांत प्रति बच्चों के अनुसार 120 रूपये प्रति दिन 14 दिनों तक के लिए कुल 1680 रूपये शासन द्वारा बच्चे के माता/पिता के किसी एक के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं।
सभी एनआरसी में भर्ती बच्चों की एनआरसी सेंटर्स में पदस्थ स्टॉफ के द्वारा शासन द्वारा उपलब्ध उच्च मानकों की दवाओं एवं खान पान के विविध तरीकों द्वारा प्रत्येक बच्चे की उचित देखभाल और उपचार किया जाता है, जिसके कारण 14 दिनों बाद बच्चों का वजन भी बढ़ता है और वो पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हो जाते हैं।
जिले में जिला चिकित्सालय भिंड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अटेर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेहगांव, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहद, सिविल अस्पताल लहार में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) सेंटर बने हैं, जिनमें कुपोषित बच्चों को भर्ती कर कुपोषण की बीमारी को दूर किया जा सकता है।

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