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सुप्रसिद्ध दंदरौआ धाम में बुढ़वा मंगल पर विशाल मेला,सखी वेश में विराजे हैं हनुमान जी,यहां असाध्य रोग होते हैं ठीक इसलिए डॉक्टर हनुमान कहे जाते हैं।

सुप्रसिद्ध दंदरौआ धाम में बुढ़वा मंगल पर विशाल मेला,सखी वेश में विराजे हैं हनुमान जी,यहां असाध्य रोग होते हैं ठीक इसलिए डॉक्टर हनुमान कहे जाते हैं।

बुढ़वा मंगल के दिन भिंड जिले के सुप्रसिद्ध दंदरौआ धाम के अलावा कांकसी सरकार, रावतपुरा सरकार, मंसापूर्ण हनुमान मंदिर, जामने वाले हनुमान जी, बड़े हनुमान जी सहित कई मंदिरों में भक्तों का मेला लगता है, इस दिन भक्तों के द्वारा अखंड रामायण, भजन कीर्तन भंडारे सहित कई आयोजन करवाए जाते हैं। वहीं
भिंड जिले के सुप्रसिद्ध दंदरौआ हनुमान मंदिर जो भिंड जिले के दंदरौआ में स्थित है जिन्हें डॉक्टर हनुमान जी एवं दंदरौआ सरकार के नाम से जाना जाता है। बुढ़वा मंगल के दिन रात 12 बजे से ही भक्तों के दर्शन के लिए पट खोल दिए जाते हैं, दंदरौआ धाम पर लाखों की संख्या में करीब 8 से 10 लाख भक्त पहुंचते हैं, मंदिर के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर रामदास जी महाराज ने बताया कि बुढ़वा मंगल के दिन लाखों की संख्या श्रद्धालु आते हैं इसलिए मंदिर को दर्शन के लिए 12 बजे ही खोल दिया जाता है।

*सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन मुस्तैद।*
भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव एवं एसपी डॉ असित यादव ने भी व्यवस्थाओं को लेकर पुख्ता इंतजाम किए हैं। यहां भिंड के अलावा प्रदेश एवं अन्य राज्यों से लाखों की संख्या में भक्त आते हैं और कुछ श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन के लिए पैदल भी जाते हैं। धर्म प्रेमियों के द्वारा इन भक्तों के लिए जगह-जगह निशुल्क भंडारे आयोजित करवाए जाते हैं।

दंदरौआ धाम मंदिर के पीठाधीश्वर रामदास महाराज ने बताया कि इस दिन हनुमान जी ने लंका में पहुंचकर सीता माता का पता लगाकर भगवान श्री राम जी को बताया था और भगवान श्री राम ने हनुमान जी का सम्मान किया था, इसलिए इस दिन को बुढ़वा मंगल के रूप में मनाते हैं।

*परिक्रमा करने व भभूति लगाने से रोगियों को मिलता है लाभ, इसलिए डॉक्टर हनुमान कहे जाते हैं।*
ऐसी मान्यता है कि दंदरौआ धाम में जो भक्त परिक्रमा लगाकर दर्शन कर यहां की भभूति लेते हैं उनकी मनोकामना पूर्ण होती है और कैंसर जैसे असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है, यही वजह है कि इनका नाम डॉ हनुमान हो गया। दंदरौआ धाम में मध्य प्रदेश के अलावा भारत के कई प्रांतों एवं विदेशों से भी भक्त आते हैं और परिक्रमा लगाकर दर्शन करते हैं। बुढ़वा मंगल के दिन लाखों की संख्या में भक्त दंदरौआ धाम पहुंचते हैं उनके दर्शन के लिए रात 12 से ही पट खोल दिए जाते हैं।

भिंड से प्रदीप राजावत की रिपोर्ट।

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