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युवाओं में पीयर प्रेशर के कारण पडऩे वाली की आदतों को इसी उम्र में छोड़ा जा सकता है : डॉ. मनोज जैन

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

भिण्ड। तरुणाई में और युवावस्था में अपने साथियों के बहकावे और पीयर प्रेशर में आकर काफी युवा तंबाकू और अन्य नशे का शिकार हो जाते हैं। यदि इसी अवस्था में अच्छे युवाओं की संगति की जाए और सकारात्मक व्यवहार से नशे की आदतों से दूर रहा जा सकता है और उनसे मुक्ति पाई जा सकती है। यह उदगार किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य तथा समाजसेवी संस्था सुप्रयास भिण्ड के सचिव डॉ. मनोज जैन ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर युवाओं को संबोधित करते हुए प्रकट किए।
उन्होंने कहा कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाने के लिए प्रत्येक वर्ष एक थीम भी रखी जाती है। इस साल 2023 में इसकी थीम है ‘हमें भोजन की आवश्यकता है, तंबाकू की नहीं’ इस थीम को तंबाकू उत्पादकों को संदेश देने के लिए चुना गया है।

इस अवसर पर समाजसेवी एवं मोटिवेशनल स्पीकर नितिन दीक्षित ने कहा कि तंबाकू विरोधी दिवस का उद्देश्य जनता को धूम्रपान और धूम्रपान रहित तंबाकू उत्पादों सहित तंबाकू के उपयोग से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में शिक्षित करना है। यह तम्बाकू छोडऩे के महत्व पर प्रकाश डालता है और तम्बाकू के उपयोग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को प्रोत्साहित करता है। यह दिन तम्बाकू छोडऩे पर जोर देता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई को मनाया जाता है, जिसका आयोजन विश्व स्वास्थ्य संगठन करता है और तंबाकू के उपयोग के हानिकारक परिणामों के बारे में जागरुकता को बढ़ावा देता है। तंबाकू की खपत को कम करने के उद्देश्य से इस दिन को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस पहल का पहला लक्ष्य लोगों को तम्बाकू के उपयोग से जुड़े हेल्थ रिस्क के बारे में शिक्षित करना है, जिसमें स्मोकिंग और स्मोकलेस टोबैको प्रोडक्ट दोनों शामिल हैं, यह दिन तम्बाकू छोडऩे पर जोर देता है।
सुप्रयास अध्यक्ष मोनिका जैन ने बताया कि तंबाकू कंट्रोल को बढ़ावा देने के लिए दुनियाभर में कई एक्टिविटीज और अभियानों का आयोजन किया जाता है। इन पहलों में जन जागरुकता अभियान, स्कूलों में शैक्षिक कार्यक्रम, हेल्थ चेकअप शामिल हैं। लोगों को तंबाकू के उपयोग के खतरों के बारे में सूचित करने, समाप्ति के प्रयासों का सपोर्ट करने और युवाओं को तंबाकू की आदत शुरू करने से रोकने पर है। स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को प्रेगनेंसी कंसीव करने परेशानी आती है, इससे उनको गर्भावस्था में बहुत खतरे हो सकते हैं। तंबाकू के दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने 1987 में तंबाकू महामारी और इसके कारण होने वाली रोकी जा सकने वाली मृत्यु और बीमारी पर वैश्विक ध्यान खींचने के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की घोषणा की, 1987 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने प्रस्ताव पारित किया, जिसमें सात अप्रैल 1988 को ‘विश्व धूम्रपान निषेध दिवस’ घोषित किया गया। 1988 में संकल्प पारित किया गया था, जिसमें हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का आह्वान किया गया था।

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