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गाय को कष्ट देकर सुखी जीवन की कल्पना न करें : शास्त्री

कांक्सी सरकार मन्दिर पर चल रही है दिव्य भागवत कथा

लहार। नगर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कांक्सी सरकार के दरबार में संत 1008 रामशरण दास महाराज के साकेत धाम गमन की स्मृति में दंदरौआ धाम के महंत 1008 महामण्डलेश्वर रामदास महाराज की अध्यक्षता एवं सरकार के प्रतिनिधि बालकृष्ण दास उर्फ प्रभू महाराज के सानिध्य में चल रही दिव्य भागवत कथा के चौथे दिन भागवताचार्य डॉ. सुरेश चंद्र शास्त्री ने भगवान के बाल चरित्र की कथा सुनाई। इस दौरान पूरा पण्डाल झूम उठा और नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की गूंज सुनाई दी।
कथा के दौरान उन्होंने कहा कि गाय और ब्राह्मण कलयुग के प्रत्यक्ष देवता हैं, इनकी सेवा सबसे बढा पुण्य होता है। इनकी सेवा ही सबसे बढा भजन है। आप भजन न करें, मन्दिर न जाएं, कथा न सुने चलेगा लेकिन यदि आप अपने माता-पिता की सेवा नहीं करते हैं, तो नहीं चलेगा। जो व्यक्ति अपने माता-पिता और गाय को कष्ट देता है, वो जीवन में कभी सुखी नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि माता-पिता की आंख से जीवन में सिर्फ दो ही बार आंसू निकलते हैं, एक जब बेटी घर छोडकर जाती है और दूसरा जब बेटा मुख मोडता है। उन्होंने बताया कि भगवान राम ने भी कहा है कि वही पुत्र भाग्यवान होता है जो माता-पिता के वचनों को मानता है। ऐसे व्यक्ति की मट्ठी में पुण्य के चारों पदार्थ अर्थ, धर्म, काम व मोक्ष होते हैं।
इस दौरान मौके पर कथा पारीक्षत ऊषा रमाकांत शर्मा एडवोकेट ने क्षेत्र के लोगो से ज्यादा से ज्यादा कथा का अमृत पान करने की अपील की। कार्यक्रम में स्वर सम्राट रमाकांत व्यास को शॉल व श्रीफल भेंट कर पारीक्षत ने सम्मानित किया। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष के अनुज भ्राता रविन्द्र सिंह ददा, ब्लॉक अध्यक्ष राजकुमार शर्मा उर्फ राजू मॉलया, जनपद सदस्य प्रतिनिधि विनोद दुबे सहित सैकडों श्रोता उपस्थित रहे।

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