पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में पुलिस लाइन मुरैना स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित की गई अपराध समीक्षा बैठक ।

पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में पुलिस लाइन मुरैना स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित की गई अपराध समीक्षा बैठक ।
लंबित अपराधों, लंबित चालानों एवं लंबित मर्ग प्रकरणों के शीघ्र निकाल हेतु थाना प्रभारियों को दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश।
थाना प्रभारीगण सीएम हैल्पलाइन पर लंबित शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करावें।
चिन्हित अपराधों में सजायाबी के प्रतिशत में सुधार हेतु थाना प्रभारी व्यक्तिगत रूचि लेकर कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।
चोरी एवं गृहभेदन की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु थाना क्षेत्र में नियमित रूप से चेकिंग लगाई जाए एवं प्रभावी रात्रि गश्त किया जाए।
पुलिस लाईन मुरैना स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में 8 नवंबर को पुलिस अधीक्षक मुरैना समीर सौरभ (भापुसे) द्वारा जिले के अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) एवं थाना प्रभारीगण के साथ अपराध समीक्षा बैठक आयोजित की गई। उक्त बैठक में डॉ. अरविन्द सिंह ठाकुर अति. पुलिस अधीक्षक मुरैना, रवि सोनेर एसडीओपी कैलारस, रवि भदौरिया एसडीओपी अम्बाह, नितिन बघेल एसडीओपी जौरा, बी.पी. तिवारी एसडीओपी सबलगढ एवं थाना प्रभारीगण उपस्थित रहे, साथ ही बैठक में रोशन लाल छापरिया जिला अभियोजन अधिकारी जिला मुरैना एवं डॉ. सतीश मान, जिला वैज्ञानिक अधिकारी मुरैना भी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक द्वारा अनुभागवार लंबित अपराधों, लंबित चालानों, लंबित गगर्गों, सम्पत्ति संबंधी अपराधों, आदतन अपराधियों के डोजियार भरने संबंधी कार्यवाही, महिला संबंधी अपराधों के समय-सीमा में निराकरण, चिन्हित अपराधों की अद्यतन स्थिति, iRad project के तहत वाहन दुर्घटनाओं डाटा समय पर अपलोड कराने, उच्च न्यायालय एवं जिला न्यायालय से प्राप्त समंस वारंट की तामीली, लंबित खात्मा खारिजी के प्रकरणों एवं सीएम हैल्प लाइन पोर्टल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों की समीक्षा की गई तथा उक्त संबंध में कार्यवाही हेतु अनुभागवार निर्देश दिए गए। पुलिस अधीक्षक द्वारा लंबित अपराधों, चालानों, मर्ग प्रकरणों की अनुभाग एवं थाना स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा करने के निर्देश भी संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को दिए गए और कहा कि चूंकि वर्ष 2024 की समाप्ति में अब लगभग 50 दिवस का समय शेष रह गया है ऐसी स्थिति में संबंधित थाना प्रभारीगण स्वयं व्यक्तिगत रूचि लेकर थाना स्तर पर विवेचकवार टास्क देकर लंबित अपराधों का समयसीमा में निकाल कर प्रकरण का चालान न्यायालय में पेश करवायें। बैठक में पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि संपत्ति संबंधी अपराधों पर नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्यवाही करें और फील्ड में पुलिस फोर्स की अधिक से अधिक उपस्थित दिखनी चाहिए। साथ ही प्रत्येक थाने पर नियमित रूप शाम के समय वाहन चैकिंग लगाई जाकर संदिग्ध व्यक्तियों से आवश्यक रूप से पूछताछ की जावे। साथ ही अपराधों की विवेचना के दौरान फोरेंसिक साइंस के दृष्टिकोण से साक्ष्य एकत्रित किए जाने व फॉरेंसिक व अभियोजन अधिकारी की भी सहभागिता बढाने के संबंध में सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया।




