बंदरिया रोमा ने बेजुबानों के लिए बने आश्रम का फीता काटकर किया उद्घाटन।
बंदरिया ने बेजुबानों के लिए बने आश्रम का फीता काटकर किया उद्घाटन।
इंसानियत युवा मंडल के द्वारा वर्षों से चलाया जा रहा पशु पक्षी बचाओ अभियान।
भिंड में बेजुबानों के लिए बने आश्रम का बंदरिया से फीता काट कर कराया उद्घाटन। भिंड शहर में युवाओं की जानवरों के लिए जो पहल है वह रंग ला रही है, बताते हैं कि ग्वालियर चंबल संभाग के अलावा पड़ोसी राज्य के इटावा वगैरह में भी बेजुबानों के ऐसा कोई आश्रम नहीं है जैसा भिंड में इंसानियत युवा मंडल समिति के माध्यम से इन युवाओं ने आश्रम बनवाया है, इन युवाओं एवं युवतियों की एक खास पहचान है कि यह सभी अपने नाम के आगे कोई जाति नहीं लगाते बल्कि इंसानियत शब्द का प्रयोग करते हैं जैसे किसी का नाम रामू है तो उसे रामू इंसानियत कहा जाता है। दरअसल भिंड के युवा वर्षों से बेजुबान घायल पशु पक्षी एवं जानवरों के घायल होने की सूचना पर उन्हें अपने आश्रम में लाते हैं और उनका न सिर्फ इलाज कराते है बल्कि उन्हें खाने पीने तक की सब व्यवस्था भी करते हैं और स्वस्थ होने के बाद जंगल या अन्य सुरक्षित जगहों पर छोड़ देते हैं, अब तक इन बेजुबानों को अस्थाई आश्रम में रखा जा रहा था, मगर इन युवाओं के सहयोग से इन बेजुवानों के लिए पक्का हाल बनकर तैयार हुआ है, जिसका उद्घाटन इस आश्रम में रह रही रोमा नाम की बंदरिया से फीता काटकर कराया है, जो की जिले में ही नहीं बल्कि देश प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गई है। अपने पशु पक्षी एवं जानवरों को पक्का आवास मिलने के बाद युवाओं के आंखों में खुशी के आंसू भी देखे गए। इन सभी युवाओं की हर कोई प्रशंसा करता नजर आ रहा है।
भिंड से प्रदीप राजावत की रिपोर्ट।




