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समतामूलक समाज के पक्षधर रहे डॉ. अंबेडकर : अली

भारत रत्न डॉ. अंबेडकर की जयंती पर समानता पर्व संगोष्ठी आयोजित

मिहोना। मप्र जन अभियान परिषद (योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग मप्र शासन) विकास खण्ड रौन द्वारा शा. उमावि मिहोना में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर समानता पर्व संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. इकबाल अली, अध्यक्षता प्राचार्य अरविन्द मिश्रा एवं मप्र जन अभियान परिषद के ब्लॉक समन्वयक जयप्रकाश शर्मा मंचासीन रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. भीमराव अंबेडकर के छाया चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजली के साथ किया गया। शर्मा ने समानता पर्व का उद्देश्य एवं कार्यक्रम की रूपरेखा रखी।
मुख्य अतिथि प्रो. इकबाल अली ने कहा कि भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर समतामूलक समाज के प्रबल पक्षधर थे, उनके कृतित्व आज भी प्रासंगिक एवं अनुकरणीय हैं। वह महान मानवतावादी चिंतक थे। डॉ. अंबेडकर शिक्षा के क्षेत्र में कला, विज्ञान और कानून के शोधार्थी रहे। साथ ही 14 भाषाओं का ज्ञान था। उन्होंने अपने जीवन काल में महिला सशक्तिकरण, महिलाओं को बराबर का अधिकार, यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट, मौलिक कर्तव्यों, धर्म से अंध विश्वास को हटाने को हटाने की बात कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य अरविन्द मिश्रा ने कहा कि व्यक्ति को दृढ़ संकल्प होकर कार्य करना चाहिए। बाबा साहेब अंबेडकर न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के रूप में पहचान बनाई, जिसमें शिक्षा का विशेष स्थान था। आज हम इस अवसर पर अगर उनकी किसी भी एक सिद्धांत को अपने जीवन में अनुशरण कर लेंगे तो यही आज उनके लिए हमारी श्रृद्धांजलि होगी। कार्यक्रम का संचालन हरीबाबू निराला एवं आभार प्रदर्शन सीएमसीएलडीपी के छात्र सतेन्द्र प्रताप सिंह चौहान ने किया। संगोष्ठी में प्रेम नारायण बरुआ, अनिल बोहरे, मनोज त्यागी, निशा राजावत, रमाकांत दीक्षित, प्रमोद तिवारी सहित प्रस्फुटन समिति, नवांकुर संस्था, मेंटर्स एवं सीएमसीएलडीपी छात्र-छात्राओं सहित लगभग एक सैकड़ा लोगों की भागीदारी रही।

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