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शहीद अनूप के घर नमन करने पहुंचा 12 साल का आगरा निवासी देव

दो हजार शहीदों के घर पहुंचकर दे चुका है श्रृद्धांजलि, पिता दे रहे साथ

भिण्ड। आगरा जिले के खंदौली गांव निवासी लिटिल सोल्जर 12 वर्षीय देव पाराशर अपने पिता सतीश पाराशर के साथ फौजी ड्रेस में हाथ में तिरंगा लेकर शुक्रवार को भिण्ड जिले में पहुंचा। जहां उसने शहीद लांस नायक अनूप कुमार शर्मा (शौर्यचक्र) सहित करीब आधा दर्जन शहीदों के घर पहुंचकर उनकी पत्नियों और माता-पिता से भेंटकर शहीदों को श्रृद्धा सुमन अर्पित किए।
देव पाराशर नौवीं कक्षा का छात्र है। दो जुलाई 2018 से उसने शहीद परिवारों से मिलना शुरू किया था। अब तक देश के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान सहित विभिन प्रदेशों में करीब एक लाख 25 हजार किमी की अपने निजी वाहन से यात्रा करके करीब 2300 से अधिक शहीद स्मारक एवं परिवारों से मिल चुके हैं। देव के पिता सतीश पाराशर ने बताया कि देव ने जून 2018 में टीवी पर कैलिफोर्नियां के 12 वर्षीय बालक को अपने देश में शहीद स्मारकों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने की खबर देखी थी। उसी से प्रेरित होकर देव ने शहीदों के घर और उनके स्मारकों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदान करने और शहीदों को श्रृद्धांजलि देने की इच्छा जताई थी। वे अपने बेटे की इच्छा पूरी करने के लिए अपने निजी वाहन से देश के विभिन्न प्रदेशों में शहीदों के स्मारकों एवं उनके घर जाकर श्रृद्धांजलि दे रहे हैं। वे इस कार्य के लिए दूरस्थ प्रदेशों में शीत कालीन एवं ग्रीष्म कालीन अवकाशों को चुनते हैं और आस-पास के क्षेत्रों में शनिवार और रविवार को यात्रा करते हैं, ताकि देव की पढ़ाई प्रभावित न हो सके।
आर्मी का अफसर बनना चाहता है देव
देव ने चर्चा के दौरान बताया कि वह देश के रक्षक सैनिकों से प्रेम रखता है, इसी लिए वह देश के लिए शहीद होने वाले परिवारों से मिलने की इच्छा रखता है। वह पढ़-लिखकर आर्मी का अफसर बनना चाहता है।
मुझे अपना बेटा ही समझें
12 वर्षीय देव पाराशर ने आर्मी शहीद लांस नायक अनूप कुमार शर्मा एवं एयर फोर्स में सेवा के दौरान अपने आप को समर्पित करने वाले एलएसी आलोक शर्मा की माता राजेन्द्री देवी एवं पिता रामशंकर शर्मा को भावविभोर देखकर कहा कि उनके दो बेटे देश पर शहीद हुए हैं, वे उसे अपना बेटा ही समझें। जब चाहें उससे मिल सकते हैं।
शहीदों का जिला है भिण्ड
देव पाराशर के पिता सतीश पाराशर ने कहा कि भिण्ड जिला शहीदों का जिला है। उन्होंने सटीक जानकारी देते हुए बताया कि भिण्ड जिले में 25 हजार से अधिक लोग भारतीय सेना में सेवारत हैं और विभिन्न युद्धों एवं ऑपरेशनों के दौरान जिले के 83 सैनिक शहीद हो चुके हैं। इनमें से 18 सैनिकों को भारत के राष्ट्रपति द्वारा वीर चक्र, परमवीर चक्र, शौर्यचक्र जैसे विभिन्न पदकों से सम्मानित किया जा चुका है।

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