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भारतीय युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत हैं स्वामी विवेकानंद : पाठक

भिण्ड। संत स्वामी विवेकानंद की 121वी पुण्यतिथि के अवसर पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अतुल रमेश पाठक ने भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की है।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अतुल रमेश पाठक ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का डंका बजाया, आज भी उनके विचार हमारे जीवन में अनमोल मंत्र के रूप में काम आते हैं। स्वामी विवेकानंद ने साल 1893 में शिकागो मे सबसे पहले पूरी दुनिया को भारत के धर्म और आध्यात्म के सार से परिचित कराया था। स्वामी विवेकानंद ने केवल वैज्ञानिक सोच तथा तर्क पर बल ही नहीं दिया, बल्कि धर्म को लोगों की सेवा और सामाजिक परिवर्तन से जोडऩे का कार्य किया।
युवा नेता अतुल रमेश पाठक ने कहा कि आज स्वामी विवेकानंद जी के विचार पुन: प्रासंगिक हो उठे हैं। उनके विचार कल भी प्रासंगिक थे और आज भी प्रासंगिक है। जब इस देश में जातिवाद और सांप्रदायिकता चरम सीमा पर है, ऐसे दौर में स्वामी विवेकानंद जी के रास्ते पर चलकर ही देश में और सुख शांति स्थापित की जा सकती है। वह प्रखर राष्ट्रवादी थे। उन्होंने पूरे देश में हिन्दूत्व का झंडा बुलंद करने का काम किया था। वह भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का विश्वघोष करने वाले युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत थे, उन्होंने कहा था कि जागो, उठो और तब तक आगे बढ़ो जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए। उनके बताए रास्ते पर चल कर देश के संस्कृति एवं सभ्यता की रक्षा करना ही उनके प्रति सच्ची श्रृद्धांजलि होगी।

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