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गाल गुलाबी हो गये, हो गए अधर अबीर

मप्र लेखक संघ भिण्ड ने किया उजास रंगोत्सव का आयोजन

भिण्ड। मप्र लेखक संघ भिण्ड के बैनर तले उजास रंगोत्सव का आयोजन देव नगर कॉलोनी भिण्ड में किया गया। होली के माहौल में आयोजित इस रंगोत्सव में आमंत्रित कवियों ने शानदार कविता पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन मप्र लेखक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला ने किया। रंगोत्सव के प्रारंभ में आचार्य गजेन्द्र सिंह कुशवाह ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इसके उपरांत वरिष्ठ गजलकार किशोरीलाल बादल ने होली के ऊपर अपना गीत ‘मिलन का पर्व है होली, यार रूठे मना लो तुम’ पढ़ा।
रामकुमार पाण्डे ने रचनापाठ के क्रम में कहा- मोगरे ने कहा रातरानी सुनो। खेल प्रशिक्षक राधेगोपाल यादव अपना प्रसिद्ध गीत मप्र पर्यटन सुनाया। आचार्य गजेन्द्र सिंह कुशवाह ने होरी जाए होरी में, कछु होरी जैसौ नइयां। डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला भिण्ड ने होली के भाव उद्घाटित करते हुए कहा कि गाल गुलाबी हो गए, हो गए उधर अबीर। जब से मौसम में खुला, फागुनमयी समीर। एएसआई संतोष अवस्थी अंश ने होली से जुड़ी सुंदर रचना सुनाई, ‘तेरे नैन बने पिचकारी।’ इमरान अली खान ने कार्यक्रम के आयोजन का दायित्व सम्हाला।

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