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उत्कृष्ट विद्यालय में धूमधाम से मनाया गया हिंदी दिवस।

उत्कृष्ट विद्यालय में धूमधाम से मनाया गया हिंदी दिवस।
हिंदी हमारे स्वाभिमान और संस्कृति की भाषा है इसे व्यवहारिक जीवन में अपनाएं – प्राचार्य
मन के विचारो को होठों तक लाती है हिंदी,मन के सब राज खोलती है हिंदी -प्रीति व्यास
हिंदी हमारी मातृभाषा है,जो देश के लोगों को जोड़कर एकता- अखंडता का काम करती है -डॉ.गुर्जर
मां सरस्वती पर दीप प्रज्ज्वलित कर पूजा अर्चना और सरस्वती वंदना के साथ हिंदी दिवस के कार्यक्रम का शुभारंभ उत्कृष्ट विद्यालय के सभागार में किया गया,जिसमे छात्र-छात्राओं सहित आचार्यों ने हिंदी दिवस की महत्ता,आवश्यकता और इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डॉ.धीरज सिंह गुर्जर ने बताया कि अपनी आधिकारिक भाषा हिंदी का विश्व भर में प्रचार – प्रसार करने,हिंदी के प्रति लोगो में जागरूकता बढ़ाने और नई पीढ़ी को अपनी मातृ भाषा के प्रति गर्व महसूस कराने के उद्देश्य से हर वर्ष 14 सितंबर को देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है।14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया और 1953 में पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया। हिंदी हमारे मन और आत्मा की भाषा है जो लोगो को दिल से जोड़कर राष्ट्रीय एकता और अखंडता का काम करती है। प्राचार्य पी एस चौहान ने कहा हिंदी एक शक्तिशाली भाषा है जो हमारे स्वाभिमान,गौरव और संस्कृति से जुड़ी है,हिंदी बोलने में हम गर्व महसूस करें और व्यवहारिक जीवन में हिंदी का प्रयोग अधिकाधिक करें।आचार्य गौरव गर्ग ने कहा हिंदी हमारी जननी है,बाकी भाषाएं आंटी और मौसी है।हमे अपनी माता से अधिक प्यार होता है,इसलिए दैनिक व्यवहार में हिंदी अपनाएं।हिंदी हमे ‘अ ‘ अज्ञान और अनपढ़ से निकाल कर ‘ज्ञ’ ज्ञानी तक बनाती है। सतेंद्र सिंह कुशवाह ने कहा कि भाषा भावों की अभिव्यक्ति का माध्यम है,जितनी अच्छी अभिव्यक्ति हम अपनी मातृ भाषा में कर सकते हैं,उतनी दूसरी भाषा में नही। दुनियां की सारी भाषाएं सीखें,पर हिंदी को कभी न भूले,ये हमारी दिल की भाषा है। हमारे स्वाभिमान और अस्मिता से जुड़ी भाषा है। यतींद्र कुमार शर्मा ने कहा हिंदी को देश में तभी बढ़ावा मिलेगा जब राजकीय काम काजों और न्यायालय में हिंदी में काम हो,हमारे सम्माननीय अभिभाषक हिंदी में बहस करें,कोर्ट के निर्णय हिंदी में दिए जाएं। धर्मेद्र दीक्षित और के एन बाजपेई ने कहा हिंदी एक ही दिवस क्यों ? हर दिन हिंदी दिवस होना चाहिए। हम अपने हस्ताक्षर हिंदी में करें, तकनीकी पाठ्यक्रम और संस्थानों में अधिकाधिक हिंदी का प्रयोग हो भाषण और आपसी चर्चा हिन्दी में गर्व के साथ करें तो हमे हिंदी दिवस मनाने की जरूरत नही पड़ेगी। मधु शर्मा ने भी हिंदी की महत्ता को कविता के माध्यम से प्रतिपादित किया। हिंदी दिवस पर छात्र अभिनव भदौरिया,अंशिका मिश्रा,सुमित शर्मा, निकिता,दीक्षा,रीना, कुनाल,मोनिका,हर्ष त्रिपाठी और नाजिया खान,अंशुल बरुआ ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का संचालन छात्रा अंशिका मिश्रा ने और आभार डॉ.धीरज गुर्जर ने किया।इस दौरान एनएसएस और विधिक साक्षरता क्लब के साथ विद्यालय के लगभग डेढ़ सैकड़ा छात्र मौजूद रहे।जिला विधिक साक्षरता न्यायालय भिण्ड से सुभाष दुबे,मंजर अली,धीरेंद्र श्रीवास्तव, विद्यालय से एस के जैन, भारती परिहार,कमलेश कुशवाह,करुणा भदोरिया,मधु तोमर,अंजली, काजल,अनुराग,प्रारब्ध आदि मौजूद रहे।

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