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3 दिन से अपनी मांगों को लेकर भूतपूर्व सैनिक बैठे थे धरने पर,एसडीएम ने आवेदन लेकर भरोसा दिलाते हुए धरना कराया समाप्त।

3 दिन से अपनी मांगों को लेकर भूतपूर्व सैनिक बैठे थे धरने पर,एसडीएम ने आवेदन लेकर भरोसा दिलाते हुए धरना कराया समाप्त।

भिंड में तीन दिनों से भूतपूर्व सैनिक अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए थे,जिसमें उनका कहना था कि भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके एवं शहीदों के परिवारों को भिंड प्रशासन की ओर से नजर अंदाज किया जाता है, उनके साथ अच्छा व्यवहार भी नहीं किया जाता है ऐसे ही कई आरोप लगाते हुए वह 3 दिन से धरने पर बैठे थे, जिसको लेकर एसडीएम ने भूतपूर्व सैनिकों का आवेदन लेते हुए उनकी मांगे पूरा करने का भरोसा दिलाया और धरना समाप्त कराया। भूतपूर्व सैनिक ने जानकारी देते हुए बताया कि भिंड जिले से अधिक रिटायर सैनिक 9514 तथा 82 शहीद परिवार लगभग 12000अर्द्ध सैनिक बल तथा 38 परिवार सैनिक बल सहित परिवार है साथ ही 20 से 25000 सैनिक अर्द्ध सैनिक देने वलों ने देश की सीमाओं पर रहकर रक्षा की हैं और अपना सर्वस्व बलिदान करने के लिए तत्पर रहते हैं लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से हम सभी भूतपूर्व सैनिक एवं शहीद परिवारों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है मामला सामने आया है पूर्व सैनिकों की जमीनों पर राजस्व विभाग के अनदेखी को गलत नीतियों से अवैध कब्जे कराई जा रही शासन प्रशासन की तरफ से कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। शहीद हुए सैनिक परिवारों को केंद्र में प्रदेश सरकार से मिलने वाली संभावित राशि के लिए भटकना पड़ता है शहीद परिवारों के जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया उनको भी अनदेखा किया जा रहा है किसी भी राष्ट्रीय पर्व व्यवस्था पर उनको सम्मानित नहीं किया जाता देशभक्ति से संबंध कोई भी कार्यक्रम जिला प्रशासन की तरफ से आयोजित नहीं किए जाते।

नाहीं किसी कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों और सैनिकों का शाही परिवारों को बुलाकर सम्मानित किया जाता है। वही सीआरपीएफ के एक कमांडेंट के पिताजी ने आरोप लगाया है कि उनको राष्ट्रीय पदक मिलने के बावजूद भी उनकी 10 लाख मिलने वाली राशि अभी तक भिंड जिला प्रशासन द्वारा स्वीकृति नहीं की गई है।

एसडीएम ने मांगे पूरी करने का भरोसा दिलाते हुए धरना समाप्त कराया! एसडीएम भिंड ने भूतपूर्व सैनिकों से आवेदन लिया और उनकी मांगों का भरोसा दिलवाया और धरना समाप्त करवाया ।

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