कृषक डीपी शर्मा को बागवानी से हुआ लाभ, पारम्परिक खेती को छोड़कर की वीएनआर अमरूद की खेती।

केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार किसानों को आमदनी बढ़ाने के लिए उद्यानिकी फसलों के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसकी महत्ता को समझ कई किसान परम्परागत खेती को छोड़कर बागवानी कर रहे हैं। ऐसे ही भिण्ड जिले के विकासखण्ड अटेर के ग्राम ऐंतहार के प्रगतिशील किसान श्री डीपी शर्मा ने परंपरागत खेती को छोड़ बागवानी शुरू की और अब वो इससे अच्छी आमदनी कर रहे हैं।
कृषक डी.पी. शर्मा ने बताया कि पूर्व में वह शासकीय सेवा में जिला परियोजना समन्वयक के पद पर पदस्थ थे, शासकीय सेवा से निवृत्त होने के बाद कृषि कार्य करने का विचार आया तो कृषि विज्ञान केन्द्र और उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक गम्भीर सिंह तोमर से परामर्श लेकर 08 अगस्त 2020 को एक हैक्टेयर भूमि में वीएनआर अमरूद का बगीचा लगाया गया, जिसमें 550 पौधे अमरूद के तथा 50 पौधे नींबू 100 पौधे करौंदा 12 पौधे कटहल का रोपण किया गया। जिसमें उन्हें 40 हजार रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ।
उन्होंने बताया कि उनके पास बिजली कनेक्शन नहीं है और ना ही उनके फार्म के पास बिजली की व्यवस्था है इसीलिए वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना अंतर्गत सोलर पम्प लगवाया गया। जिसमें 90 प्रतिशत अनुदान प्राप्त हुआ। उद्यानिकी विभाग भिण्ड की तरफ से उनके बगीचे में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगवाया गया है। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम में लगभग 45 हजार रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। सोलर पम्प और ड्रिप के माध्यम से सभी पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी और खाद दिया जा रहा है। वर्तमान में अमरूद के पेड़ों में फल आने लगे हैं जिसमें एक फल लगभग 400 ग्राम से लेकर 650 ग्राम तक का अमरूद का उत्पादन होने लगा है।
कृषक डी.पी. शर्मा ने किसान भाईयों को संदेश दिया है कि धान व गेहूं की खेती में पानी ज्यादा लगता है, जलस्तर को बचाने के लिए बागवानी की तरफ रूझान बढ़ाएं। अमरूद का बाग लगाकर अन्य किसान भी अच्छी आमदनी कर सकते हैं। पानी की बचत में बागवानी खेती सबसे बेहतर है।




