नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित कुल 550 प्रकरणों का हुआ निराकरण।

नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित कुल 550 प्रकरणों का हुआ निराकरण।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के आदेशानुसार नेशनल लोक अदालत का आयोजन उमेश पाण्डव, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, भिण्ड द्वारा मॉ सरस्वती की प्रतिमां पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का औपचारिक शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर अनुभूति गुप्ता, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, भिण्ड एवं समस्त न्यायाधीशगण, अभिभाषक संघ भिण्ड के अध्यक्ष, अधिवक्तागण एवं न्यायालयीन कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु जिला मुख्यालय भिण्ड एवं न्यायिक तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार हेतु कुल 24 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था जिनमें सुलहकर्ता सदस्य के रूप मे नामित अधिवक्तागण द्वारा सहयोग प्रदान किया गया, जिसके फलस्वरूप जिला मुख्यालय भिण्ड एवं तहसील न्यायालय मेहगांव, गोहद एवं लहार में न्यायालयों में लंबित कुल 550 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें कुल 1435 पक्षकार लाभान्वित हुए तथा राशि 1,80,67,311 रूपये (एक करोड अस्सी लाख सरसठ हजार तीन सौ ग्यारह) के अवार्ड पारित किये गये। उपरोक्त प्रकरणों के अतिरिक्त प्रीलिटिगेशन प्रकरणों, जिनमें जलकर, सम्पत्तिकर, विद्युत, बी.एस.एन.एल, बैंक आदि के कुल 933 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमे 934 व्यक्तियों को लाभांवित किया गया तथा उपरोक्त प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में कुल 73,00700ध्-रूपये (तिहत्तर लाख सात सौ) समझौता राशि रही।
वर्ष 2025 की द्वितीय नेशनल लोक अदालत में गठित खण्डपीठो द्वारा कई मामलो में पक्षकारो के मध्य आपसी कटुता को समाप्त करते हुये दोनो पक्षो को मिलाने का कार्य किया गया तथा सफल प्रकरणों में पक्षकारो को पौधे भेट कर उन्हे जीवन में विवाद को समाप्त करने तथा शांतिपूर्वक सुखी एवं समृद्ध जीवन व्यतीत करने की सलाह भी दी गयी।
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खण्डपीठ क्र. 01 के पीठासीन अधिकारी दिलीप गुप्ता, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, भिण्ड के न्यायालय का प्रकरण क्र. 379/2023 मु.फो. में आवेदिका का विवाह अनावेदक के साथ 22 अप्रेल 2002 को हिंदू विधि से संपन्न हुआ था। उभयपक्ष के मध्य आपसी विवाद हो जाने के कारण आवेदिका अनावेदक से पृथक अपने मायके में निवास करने लगी थी। आवेदिका ने 28 नवम्बर 2023 को अनावेदक से भरण-पोषण राशि दिलाये जाने बावत् धारा-125 द.प्र.सं. का प्रकरण प्रस्तुत किया था। उभयपक्ष आज लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय खण्डपीठ के समक्ष उपस्थित हुए उन्होंने व्यक्त किया कि दोनों पक्ष के मध्य राजीनामा हो गया है इस आधार पर प्रकरण राजीनामा के आधार पर समाप्त किये जाने का निवेदन किया। उभयपक्ष के मध्य राजीनामा हो जाने के आधार पर प्रकरण समाप्त किया गया। पति-पत्नी द्वारा सौहार्दपूर्ण वातावरण में एक-दूसरे को माला पहनाई।
इस प्रकार वर्षों से चले आ रहे घरेलू विवाद के प्रकरण का राजीनामा से अंत हुआ तथा त्वरित एवं सुलभ न्याय की संकल्पना को सभी के सामूहिक प्रयासों से मूर्त रूप दिया तथा दंपती को प्रकरण के निराकरण के फलस्वरूप भेंट के तौर पर फलदार वृक्ष उमेश पाण्डव, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशध्अध्यक्ष द्वारा प्रदत्त किया गया तथा उनके एवं उनके परिवार की खुशहाली की शुभकामनाए देते हुए न्यायालय से खुशी-खुशी उन्हें विदा किया।




