मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जे.एस. यादव ने नि-क्षय मित्र बनकर एमडीआर टीबी मरीज को की फूड बास्केट वितरित।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जे.एस. यादव ने नि-क्षय मित्र बनकर एमडीआर टीबी मरीज को की फूड बास्केट वितरित।
एमडीआर टीबी मरीज को इलाज के दौरान प्रतिदिन 16 टेबलेट की जगह खानी होगी अब सिर्फ 06 टेबलेट।
जिला क्षय केन्द्र भिण्ड में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जे.एस.यादव के द्वारा एमडीआर मरीज को बीपीएएलएम (BPaLM) रेजिमेन की दवाईयां एवं प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत स्वयं नि-क्षय मित्र बनकर फूड बास्केट प्रदान की एवं 06 माह तक लगातार फूड बास्केट वितरित करने का संकल्प भी लिया।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जे.एस यादव ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत एमडीआर टीबी के नवीन मरीजों के लिये बीपीएएलएम (BPaLM) रेजिमेन की शुरूआत की गई है। पूर्व में एमडीआर मरीजों को इलाज के दौरान 08 प्रकार की 16 टेबलेट का दैनिक सेवन 09 माह से 11 माह तक करना पडता था परन्तु बीपीएएलएम (BPaLM) रेजिमेन की शुरूआत के बाद नवीन पाये जाने वाले एमडीआर टीबी मरीजों को 05 प्रकार की मात्र 06 टेबलेट का दैनिक सेवन 06 माह तक कर इलाज पूर्ण किया जा सकता है।
जिला क्षय अधिकारी डॉ देवेश शर्मा ने बताया कि पूर्व में एमडीआर टीबी मरीजों को दवाईयों का सेवन अधिक मात्रा में करना पडता था। बीपीएएलएम (BPaLM) रेजिमेन की शुरूआत होने के बाद अब एमडीआर टीबी मरीजों को पूर्व की अपेक्षा कम दवाईयों का सेवन कम समय तक करके बीमारी को ठीक किया जा सकता है। डॉ शर्मा के द्वारा बीपीएएलएम (BPaLM) रेजिमेन एवं पूर्व की एमडीआर दवाईयों में अंतर भी बताये गये।
उक्त मौके पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ डी.के शर्मा, पीएमडीटी कोर्डिनेटर मधुराज सिंह भदौरिया, एसटीएलएस कृष्णप्रताप सिंह, अवनीश दैपुरिया, जितेन्द्र मोरोलिया एवं अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।




