राजा ने मछंड मुक्तिधाम के लिए दी 12 बीघा जमीन,उस मुक्तिधाम में नहीं है टीन सेट, त्रिपाल के नीचे होता है अंतिम संस्कार।

जनक्रांति 24 (प्रदीप राजावत) भिंड/आजादी के समय से मछंड में नहीं है मुक्तिधाम,बरसात में त्रिपाल के सहारे होता है अंतिम संस्कार।
यह कैसा विकास जहां बरसात होने पर शव के अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों को करना पड़ता है दो दो दिन का इंतजार, जी हां सुनने में भले ही यह सही नहीं लगता हो मगर यह सच्चाई है।
मामला भिंड जिले के रौन क्षेत्र मछंड कस्बे का है जहां मछंड के अलावा ईटाई,रजपुरा, महावीर गंज में करीब 10,000 से अधिक की आबादी है, मगर आजादी के समय से लेकर आज दिन तक न तो मुक्तिधाम में टीन सेट है, ना ही मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता।जबकि मछंड में मुक्तिधाम के लिए आजादी से पहले राजा नरेंद्र सिंह जूदेव ने करीब 12 बीघा जमीन दान की थी, उसी जमीन में से उप स्वास्थ्य केंद्र भी बन गया,बाकी की जमीन में गंदगी और सिर्फ अतिक्रमण दिखाई देता है ना तो वहां तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता, नाहीं टीन सेट, नाहीं पानी के लिए हेड पंप। सरकार भले ही बड़े-बड़े दावे करती हो मगर धरातल पर देखा जाए तो भिंड जिले के रौन जनपद क्षेत्र के मछंड कस्बे में मुक्तिधाम तक नहीं है, जिसका खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ता है। शासन प्रशासन के उन तमाम दावों की पोल आज बेमौसम बरसात में खुलकर तब सामने आई जब मछंड पंचायत में एक मौत हो जाती है जिसमें बरसात के चलते शव का अंतिम संस्कार के लिए गांव वालों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है और त्रिपाल के सहारे जैसे तैसे अंतिम संस्कार होता है। मगर आजादी के समय से लेकर आज दिन तक शासन प्रशासन की ओर से यहां मुक्तिधाम में टीन सेट, रास्ता और हेडपंप तक की सुविधा नहीं कराई गई है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में कई बार शिकायत की मगर आज दिन तक उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।




