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बालश्रम एवं बंधुआ मजदूरी पूर्णत: निषेध है : न्यायिक मजिस्ट्रेट

अजाक थाने में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजित

भिण्ड। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड श्रीमती सुरभि मिश्रा के आदेशानुसार तथा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हिमांशु कौशल के मार्गदर्शन में अजाक थाना में विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मौजूद न्यायिक मजिस्ट्रेट भिण्ड विशाल खाड़े ने विशेष सप्ताह अंतर्गत बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी, श्रमिकों के अधिकार आदि के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बाल श्रम एवं बंधुआ मजदूरी पूर्ण रूप से निषेध है तथा यदि कोई व्यक्ति किसी बालक से श्रम करवाता है तो उसे कानून द्वारा सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि बंधुआ मजदूरी की प्रथा को भी संविधान द्वारा समाप्त किया गया है तथा बंधुआ मजदूरी में संलिप्त व्यक्ति को कठोर कारावास की सजा एवं आर्थिक दण्ड का प्रावधान है।
जिला विधिक सहायता अधिकारी सौरभ कुमार दुबे ने नि:शुल्क विधिक सहायता योजना के अंतर्गत जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी मजदूर व मानसिक व शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति का विधिक सहायता प्राप्त का करने का अधिकार है जिसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर प्राप्त किया जा सकता है। इसके साथ ही टोल फ्री नं.15100 पर भी संपर्क कर विधिक सहायता प्राप्त की जा सकती है। इस अवसर पर थाना प्रभारी थाना अजाक भिण्ड, पीएलव्ही भिण्ड सुमित यादव तथा थाना स्टाफ एवं आमजन उपस्थित रहे।

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