भारतीय स्वतंत्रता क्रांति के अग्रदूत थे शहीद मंगल पाण्डे : पाठक

भिण्ड। भारतीय जनता युवामोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अतुल रमेश पाठक ने बुधवार को सिपाही विद्रोह के नायक शहीद मंगल पाण्डे को उनकी 196वीं जयंती पर श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने बहुत ही महत्वपूर्ण समय में देशभक्ति की चिंगारी जलाई और अनगिनत लोगों को प्रेरित किया। शहीद मंगल पाण्डे भारतीय इतिहास में एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जाने जाते हैं। अंग्रेजों से अपने देश को मुक्त कराने के लिए मंगल पाण्डे ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। साल 1857 का भारतीय विद्रोह जिसे सिपाही विद्रोह के बारे में भी जाना जाता है। इस विद्रोह ने देश में स्वतंत्रता की अलख पैदा कर दी थी। वहीं 1857 के सिपाही विद्रोह से ही भारतीयों में आजादी के स्वप्न को पैदा करने का काम किया था। वहीं इस स्वप्न को पैदा करने के श्रेय देश के महान सेनानी मंगल पाण्डे को जाता है। शहीद मंगल पाण्डे ने एक सिपाही के रूप में 1857 में अपने ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिससे विद्रोह की लहर शुरू हो गई थी, जिससे कई लोगों ने भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के रूप में माना था। आज ही के दिन यानी की 19 जुलाई को मंगल पाण्डे का जन्म हुआ था।
भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पाठक ने बताया कि मंगल पांडेय ने इस विद्रोह के दौरान ‘मारो फिरंगी को’ का नारा दिया था, ऐसा कहा जाता है कि फिरंगियों के खिलाफ सबसे पहला नारा मंगल पांडेय के मुंह से ही निकला था। यही वजह है कि मंगल पांडेय को स्वतंत्रता संग्राम का पहला क्रांतिकारी माना जाता है। उन्होंने कहा कि आज देश में हर नौजवान को शहीद मंगल पाण्डेय की जीवनी से प्रेरणा लेते हुए जाति धर्म से ऊपर उठकर देश के हित को सर्वोपरि समझना होगा। मंगल पाण्डेय ने अपने प्राणों की आहुति इसलिए दी ताकि भारतवासी आजादी की हवा में सांस लें, सबकी तरक्की हो तथा अच्छे जीवन की सपना साकार हो, उनके त्याग और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है।




