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धर्मब्रेकिंग न्यूज़राज्य

वेदों का नेत्र है ज्योतिष : आदित्य पुरी महाराज

नवीन प्रकल्प ज्योतिष परामर्श सेवा पोस्टर का विमोचन

भिण्ड। नव वसुंधरा श्रृंगार जनकल्याण फाउण्डेशन द्वारा स्वामी आदित्य पुरी महाराज के सानिध्य में शनिवार को समाज कल्याण हेतु नवीन प्रकल्प ज्योतिष परामर्श सेवा के पोस्टर का विमोचन कर शुभारंभ किया गया। सोमवार से शाम पांच बजे से अर्धनारीश्वर महादेव मन्दिर पर उचित मार्गदर्शन के साथ ज्योतिष सेवा सुचारू रूप से क्रियान्वित रहेगी। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में 1008 शुभेंदु नारायण पुरी महाराज (पत्ती वाले बाबा), स्वामी आदित्य पुरी महाराज, संत विनोद दास महाराज तथा रामप्रकाश तिवारी भी उपस्थित रहे।
संगठन द्वारा प्रारंभ किए गए ज्योतिष परामर्श सेवा प्रकल्प को सराहते हुए स्वामी आदित्य पुरी ने बताया कि ज्योतिष वेदों का नेत्र कहा जाता है और नेत्रों के बिना आध्यात्मिक तथा भौतिक जीवन दोनों ही दिशाहीन होकर भटकते रहते हैं, मानव के तन मन मस्तिष्क की रचना ग्रहों व नक्षत्र के स्थान तथा उनकी स्थितियों पर ही निर्भर करती है। ज्योतिष द्वारा विशेष रूप से युवा तथा इसके अतिरिक्त अन्य सभी वर्ग अपने भौतिक तथा आध्यात्मिक जीवन की दिशा और दशा को पूर्व से ही सावधानी पूर्वक व्यवस्थित कर सकते हैं तथा जीवन में आने वाली संभावित समस्याओं का सटीक अनुमान लगाकर उनके निवारण के लिए प्रयास कर सकते हैं, जैसे कि अगर हमें पता चल जाए कि भविष्य में किसी क्षेत्र विशेष में जल आपदा अथवा तूफान आ सकता है तो भले ही हम उस आपदा को रोक ना सके किंतु उससे बहुत हद तक बचने के उपाय अवश्य कर सकते हैं। सनातन परंपरा में प्रत्येक प्रत्येक त्यौहार तथा शुभ कार्य का शुभारंभ ज्योतिष की गणना के आधार पर ही होता है, सूर्य ग्रहण चंद्र ग्रहण का सटीक अनुमान तथा कुंभ मेलों का आयोजन भी ज्योतिष विज्ञान के गूढ, पारंपरिक वैदिक तथा ऋषियों द्वारा दिए गए इस दिव्य ज्योतिष ज्ञान के द्वारा ही संभव हो पाता है, इसीलिए प्रत्येक वर्ग विशेषकर युवा संगठन द्वारा आरंभ किए गए प्रकल्प का लाभ लें एवं संगठन द्वारा किए जा रहे जनहित तथा कल्याण के कार्यों में सभी सहयोगी बनें।
मुख्य ज्योतिषी के तौर पर राघव उपाध्याय ने बताया कि सभी शास्त्र अपने आप में अदभुत हैं, परंतु ज्योतिष शास्त्र प्रत्यक्ष शास्त्र है, क्योंकि इसके प्रत्यक्ष साक्षी के रूप में सूर्य तथा चंद्रमा को हम देख सकते हैं, दिन और रात का होना, कृतियों का बदलना, समुद्र में ज्वार भाटा का आना, यह सब समय चक्र के आधार पर होता है। सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण इत्यादि की गणना को पहले ही करके बता देना यह भी ज्योतिष विज्ञान द्वारा ही हमें पूर्व से पता चल जाता है, ज्योतिष विज्ञान बहुत ही सुख एवं गुण रहस्य से भरा हुआ है, ज्योतिष स्वयं एक शास्त्र है और शास्त्र को कोई भी नहीं जला सकता, शास्त्र स्वयं प्रमाण है।
कार्यक्रम में संगठन के पदाधिकारी एवं सहायक ज्योतिषि आशुतोष शर्मा (गुरुदास), धर्मवीर यादव, दीपक मिश्रा, सोनू बघेल, सत्यम जोशी, राहुल ओझा, आस्तिक भदौरिया इत्यादि सदस्य उपस्थित रहे।

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