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कलेक्टर ने दिखाई खाद्य सामग्री में मिलावटखोरों पर सख्ती,खाद्य पदार्थ कारोबारियों में हड़कंप।

कलेक्टर ने दिखाई खाद्य सामग्री में मिलावटखोरों पर सख्ती,खाद्य पदार्थ कारोबारियों में हड़कंप।

विशेष सघन अभियान के तहत् दो डेयरियों पर की छापामार कार्रवाई।

लगभग एक लाख कीमत की खाद्य सामग्री जप्त।

मौके पर राजपूत डेयरी का लाईसेंस निरस्त कर सील करने निर्देश दिए।

मध्यप्रदेश सरकार की मंशा है कि प्रदेश की जनता को शुद्ध सामग्री उपलब्ध हो। इसी के तहत आज शाम कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने खाद्य विभाग दल के सदस्यों के साथ दो डेयरी पर छापा मार कार्रवाई की।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने मिलावटी/नकली दूध व नकली दूध से बने खाद्य पदार्थों के निर्माताओं एवं मिलावटखोरी में लिप्त खाद्य कारोबारकर्ताओं के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष सघन अभियान के तहत् विरधनपुरा चौराहा भिण्ड स्थित राजपूत डेयरी, प्रो. लाखन सिंह नरवरिया पर छापा मार कार्रवाई कर 150 किलो मावा, 03 टीन पैक (45 किलो) रिफाइंड पोल्मोलिन ऑयल, 10 किलो रिफाइंड एक बाल्टी, दो टब में, 30 किलो घी जप्त किया। जप्त की गई सामग्री की अनुमानित कीमत लगभग 50 हजार रूपये है।
कलेक्टर  संजीव श्रीवास्तव ने मौके पर राजपूत डेयरी का लाईसेंस निरस्त कर डेयरी को सील् करने निर्देश दिए।
इसी प्रकार रजपुरा भिण्ड स्थित फूल सिंह दूध डेयरी, प्रो. फूल सिंह नरवरिया पर छापा मार कार्रवाई कर 200 किलो मावा, 300 लीटर दूध को जप्त कर कार्रवाई की।
जप्त की गई सामग्री की अनुमानित कीमत लगभग 50 हजार रूपये है।
आमजन को शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने और मिलावटखोरों एवं नकली खाद्य सामग्री निर्माण व विक्रय करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के लिए जिला के खाद्य सुरक्षा दल द्वारा मिलावट से मुक्ति अभियान चलाकर दूध, घी, मिठाईयों एवं विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री की लगातार संघन जांच की जा रही है।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने जिले के समस्त आमजन/ नागरिकों से अपील की है कि यदि कोई खाद्य कारोबारकर्ता/ प्रतिष्ठान यदि खाद्य पदार्थों के निर्माण में किसी प्रकार की मिलावट करता है अथवा गंदगी युक्त परिसर में खाद्य पदार्थों का निर्माण एवं विक्रय करते पाया जाता है अथवा ऐसी कोई खाद्य सामग्री जिस पर पैकिंग डेट अथवा एक्सपायरी डेट/ बेस्ट एक्सपायरी डेट/ बेस्ट विफोर डेट पूर्ण हो जाने के पश्चात भी खाद्य सामग्री का विक्रय करते पाया जाता है, तो ऐसे खाद्य कारोबारकर्ता/ प्रतिष्ठान के विरूद्ध खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से शिकायत अवश्य करें।

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