सड़क पर किया अंतिम संस्कार, भिंड फिर हुआ शर्मसार, मरने के बाद भी दो गज जमीन नहीं हुई नसीब, वीडियो वायरल।

सड़क पर किया अंतिम संस्कार, भिंड फिर हुआ शर्मसार, मरने के बाद भी दो गज जमीन नहीं हुई नसीब, वीडियो वायरल।
*शव के लिए नसीब नहीं हुई दो गज जमीन!*
कहते हैं कि मरने के बाद मनुष्य के शव को ढकने के लिए एक कफन का टुकड़ा और अंतिम संस्कार के लिए दो गज जमीन की जरूरत होती है, और यदि अंतिम संस्कार के लिए दो गज जमीन भी ना मिले तो इससे शर्म की बात और क्या हो सकती है, अब इसे प्रशासन की लापरवाही कहें या मरने वाले का दुर्भाग्य यह समझ से परेह है।
*सड़क पर अंतिम संस्कार का मामला मनोहर पुरा का है!*
दरअसल मामला भिंड जिले के गोहद विधानसभा क्षेत्र की एंडोरी पंचायत के मनोहर पुरा गांव का है जहां विजय माहौर की बीमारी के चलते इलाज के दौरान मौत हो जाती है और जब विजय का शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए परिजन मनोहरपुरा गांव पहुंचते हैं, तो वहां बरसात होने लगती है और गांव में आधा अधूरा मुक्तिधाम तो है मगर वहां तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है इसके अलावा खेतों में चारों तरफ पानी भरा हुआ है अब ऐसे में परिजन शव का अंतिम संस्कार कंहा करते यह शासन प्रशासन पर सवाल खड़ा होता है।
*सड़क पर अंतिम संस्कार का वीडियो हो रहा वायरल !*
बरसात में विजय के शव का परिजन अंतिम संस्कार कहां करें जब उन्हें कुछ समझ नहीं आता तब वह विजय के शव का अंतिम संस्कार मजबूरन सड़क पर कर देते हैं, इस गांव में एक बार फिर शव के अंतिम संस्कार के लिए दो गज जमीन नसीब नहीं हुई है, इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा, अब इसे शासन प्रशासन की लापरवाही कहें या नाकामी या उस मरने वाले व्यक्ति का दुर्भाग्य जिसे मुक्तिधाम में दो गज जमीन अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिली, सड़क पर अंतिम संस्कार का वीडियो सोशल मीडिया पर हो रहा है वायरल।
*पहले भी मनोहरपुरा में घर के सामने हुआ था अंतिम संस्कार!*
यह मनोहरपुर गांव का कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कुछ दिन पूर्व एक बुजुर्ग की मौत हो जाने पर बरषात के चलते मुक्तिधाम तक रास्ता न होने की वजह से परिजनों को बुजुर्ग का अंतिम संस्कार अपने घर के सामने किया था, तब भी शाषन प्रशासन कई दावे और वादे करके गया था कि जल्द ही मुक्तिधाम तक सड़क बनवा दी जाएगी। सड़क तो नहीं बनी बल्कि इसी गांव से एक और शर्मसार करने वाली तस्वीर निकल कर सामने आई जब परिजनों को विजय का अंतिम संस्कार सड़क पर करना पड़ा,ये तस्वीर भिंड को फिर शर्मशार कर रही है।
*जिम्मेदारों ने नहीं सुनी ग्रामीणों की समस्या!*
जिम्मेदार अधिकारियों की तो छोड़ो यहां के जनप्रतिनिधि विधायक, सांसद, और मंत्री भी इस मनोहरपुर गांव की प्रमुख समस्या की और ध्यान नहीं दे रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि नेता सिर्फ चुनाव के समय आते हैं और वोट मांग कर चले जाते हैं जीतने के बाद वो दोबारा मुड़ कर गांव की ओर नहीं देखते हैं।
*शिकायतों के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है!*
ग्रामीणों का आरोप है कि वो इस मामले में ग्रामीण सरपंच से लेकर एसडीएम तक को अवगत करा चुके हैं मगर उनकी फरियाद कोई सुनने को तैयार ही नहीं है। ग्रामीणों ने बताया उनके गांव की आबादी लगभग दो हजार के करीब और वोटिंग 900 के आसपास है और 150 के करीब घर बताएं हैं और फिर भी उनके गांव में मुक्ति धाम तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं बना है इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा ये मनोहर पुरा ही नहीं बल्कि भिंड जिले में ऐसे कई गांव है जहां या तो मुक्तिधाम नहीं है या मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है अब देखने वाली बात होगी कि जिम्मेदार कब जाएंगे और लोगों को अपने घरों के सामने, सड़कों पर अंतिम संस्कार करने से कब मुक्ति मिलेगी ।




