सामाजिक संस्था सुप्रयास ने किया, “चंबल का पर्यावरण: वनस्पतियां और वन्य जीवन” विषय पर डायलॉग आयोजित।

सामाजिक संस्था सुप्रयास ने किया,
“चंबल का पर्यावरण: वनस्पतियां और वन्य जीवन” विषय पर डायलॉग आयोजित।
पंजाब को पांच नदियों का प्रदेश कहा जाता है और अपने भिंड जिले में सात नदियां हैं, इस दृष्टिकोण से हमारा जिला प्राकृतिक रूप से अधिक संपन्न है पर आर्थिक रूप से हम पिछड़े हुए हैं। जिसका प्रमुख कारण यह है कि ईश्वर ने तो हमको भरपूर दिया पर हमने उसका सदुपयोग नहीं किया जिसके कारण हम आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं है। उक्त बुधवार प्रोफेसर इकबाल अली ने सामाजिक संस्था सुप्रयास द्वारा, “चंबल का पर्यावरण: वनस्पतियां और वन्य जीवन” विषय पर डायलॉग मैं व्यक्त किए। उक्त डायलॉग का आयोजन देशराज मेमोरियल किड्स स्कूल में किया गया था। प्रोफेसर अली ने कहा की 26 अप्रैल 2019 को भिंड जिले का तापमान पूरे भारत में सबसे अधिक था वही 4 साल बाद 25 अप्रैल 2022 को पूरे भारत में सबसे कम रहा। एक ही तारीख में 4 साल के अंतर में मौसम की यह उठापटक अचानक नहीं हुई है हमने प्रकृति का अनियंत्रित तरीके से शोषण किया है जिसके परिणाम स्वरूप अब प्रकृति का चक्र पूरी तरह से बिगड़ चुका है। किसी भी मौसम में सर्दी ,गर्मी, बरसात हो रही है। इससे फसल चक्र भी अनियमित हो गया है, और आने वाले समय में भोजन एक विकराल समस्या के रूप में आने वाला है।
उक्त डायलॉग में सुप्रयास के सचिव डॉ मनोज जैन ने कहा सामाजिक संस्था सुप्रयास का यह उद्देश्य है कि हम युवा पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाएं जिससे हमारा भविष्य सुरक्षित हो सके। हमारे देखते ही देखते चंबल के वनस्पति और वन्य जीवन में बहुत परिवर्तन आया है। पहले यहां पे जाने वाले ऊदबिलाव तथा स्याहगोश अब लुप्तप्रा:य हो चुके हैं। पहले जितनी अधिक संख्या में प्रवासी पक्षी आते थे अब उनकी संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। बहुत बार यह होता है कि किसी वनस्पति का किसी वन्य जीव से संबंध है और उन दोनों में से एक के समाप्त होते ही दूसरा अपने आप समाप्त हो जाता है।
उक्त डायलॉग में नीरज भदोरिया, डॉ राधिका भदोरिया, चंद्रशेखर सिंह भदोरिया के अलावा विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया।




