कलश यात्रा के साथ श्री राम कथा का हुआ शुभारंभ कलश यात्रा में सैकड़ो की संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु।

कलश यात्रा के साथ श्री राम कथा का हुआ शुभारंभ कलश यात्रा में सैकड़ो की संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु।
भिंड में 17 बटालियन माता मंदिर पर कलश यात्रा निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालू शामिल हुए। श्री राम कथा मैं व्यास जी महाराज के रूप में अनंत श्री विभूषित हनुमत द्वार पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी धीरेन्दराचार्य जी महाराज चित्रकूट धाम द्वारा श्री राम कथा का वाचन किया जा रहा है। कथा के प्रथम दिवस महाराज जी ने संबोधित करते हुए जन-जन को बताया कि श्री रामचरितमानस में सुंदरकांड के पाठ को करने मात्र से ही व्यक्ति बैकुंठ धाम को प्राप्त कर लेता है। रामायण के प्रसंग के दौरान श्री बाल्मिक महाराज जी की रचनाओं के बारे में सभी को बताया। सती माता की प्रसंग को सुनकर भक्तगढ़ मगन मुक्त हो गए, सती माता के त्याग को हर युग में याद किया जाएगा। श्री राम भगवान के चरित्र का संपूर्ण वर्णन किया गया।श्रीराम कथा का शुभारंभ करते हुए कहा कि रामकथा कलयुग में भगवत प्राप्ति का सबसे सरल साधन है, जो कानों के माध्यम से व्यक्ति के मन में प्रवेश करती है। इससे भगवान की छवि मन में बैठ जाती है और भगवत दर्शन की लालसा पैदा करती है। इसी लालसा से ही रास्ता निकाला जाता है।उन्होंने राम नाम की महिमा बताते हुए कहा कि कलयुग में योग, यज्ञ ,जप, तप, व्रत, पूजा जैसे साधना के कठिन मार्ग संभव नहीं है। केवल भगवान के नाम का सुमिरन ही भवसागर से पार कर सकता है। भगवान के सहस्त्रनाम हैं और कोई भी नाम जपा जा सकता है। इसी प्रसंग में उन्होंने माता सती के अभिमान और बिन बुलाए अपने पिता के यज्ञ में जाने और भगवान शंकर का अपमान होने पर योग अग्नि के द्वारा अपने शरीर को जलाकर भस्म करने की कथा सुनकर श्रोताओं का हृदय द्रवित हो गया उन्होंने भगवान शिव तथा सती के प्रसंग के माध्यम से राम कथा के महत्व का सुंदर वर्णन किया।




