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कलेक्टर द्वारा खाद उर्वरक और बीज, पराली प्रबंधन, एवं राजस्व महाअभियान 3.0 के संबंध में पत्रकार बंधुओं से की गई चर्चा।

कलेक्टर द्वारा खाद उर्वरक और बीज, पराली प्रबंधन, एवं राजस्व महाअभियान 3.0 के संबंध में पत्रकार बंधुओं से की गई चर्चा।

किसान भाई ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर आवेदन कर सुपर सीडर मशीन को खरीद कर प्राप्त कर सकते हैं एक लाख रुपए अनुदान।

15 नवम्बर से 15 दिसम्बर 2024 तक चलेगा राजस्व महा-अभियान-3.0

कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा खाद उर्वरक और बीज, पराली प्रबंधन, एवं राजस्व महा अभियान 3.0 के संबंध में पत्रकार बंधुओं से चर्चा बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत जगदीश कुमार गोमे, एडीएम एलके पाण्डेय, एसडीएम भिण्ड अखिलेश शर्मा, उप संचालक कृषि राम सुजान शर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं पत्रकार बंधु उपस्थित रहे।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने खाद उर्वरक एवं बीज के संबंध में और पराली न जलाने के लिए शासन की ओर से किए जा रहे प्रयासों और प्रचार-प्रसार से जिले के पत्रकार बंधुओं को जानकारी दी गई।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि सभी विक्रेताओं को निर्देश दिए हैं कि रैक से प्राप्त जानकारी किस आईडी में उर्वरक प्राप्त हुआ है, उर्वरक का वितरण सत्यापन उपरान्त अनुमति से वितरण करना सुनिश्चित करेंगे। सभी विक्रेताओं के गोदामों के सत्यापन के निर्देश उप संचालक कृषि और अनुविभागीय अधिकारियों को प्रसारित किए हैं।
उन्होंने कहा कि सभी बीज विक्रेताओं और उर्वरक विक्रेताओं की सूची, उर्वरक की निर्धारित दर प्रकाशन कराए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

*खाद, बीज उपलब्धता और वितरण की तैयारी से कराया अवगत*

उप संचालक कृषि राम सुजान शर्मा द्वारा खाद, बीज उपलब्धता और वितरण की तैयारी से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि जिले में सरसों मुख्य फसल के रूप में उगाई जाती है जिसका रकबा लगभग 2 लाख हैक्टेयर रहने का अनुमान है जिसकी तैयारी हेतु उर्वरक की पूर्ती की जा चुकी है। गेहूं फसल जिसका रकबा लगभग 1.25 लाख हैक्टेयर रहने का अनुमान है इसके लिए उर्वरक की पूर्ती लगभग 85 प्रतिशत हो चुकी है, शेष फास्फेटिक उर्वरक डीएपी/टीएसपी/एनपीके का स्टॉक 2500 एमटी यूरिया 6600 एमटी उपलब्ध है।
वितरण हेतु भिण्ड नगर में पुरानी कृषि उपज मंडी में मार्केटिंग, मार्कफेड और एमपी एग्रो सहित तीन पॉस से वितरण टोकन और जमीन के रकबे के आधार पर किया जाएगा। किसान भाई अपनी आधार और ऋण पुस्तिका साथ लेकर आएं। मेहगांव में कृषि उपज मंडी से दो पॉस से वितरण किया जाएगा, गोहद में राइस मिल से वितरण होगा। लहार और दबोह से भी वितरण किया जाएगा।
उप संचालक कृषि राम सुजान शर्मा ने जिले के किसानों से अपील की है कि कृषि आदान खरीदते समय विक्रेता से बिल की मांग अवश्य करें, जिससे किसी भी विपरीत स्थिति में गलत करने वाले विक्रेता के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जा सके।
उन्होंने बताया कि कल सोमवार समय 10 बजे से नई कृषि उपज मंडी प्रांगण से किसानों को उर्वरक हेतु टोकन वितरण कराए जाएंगे, सभी किसान भाई जो समितियों में सदस्य नहीं हैं आधार और ऋण पुस्तिका साथ लेकर आएं और टोकन प्राप्त कर निर्धारित दिनांक को उर्वरक प्राप्त करें।
उन्होंने बताया कि पराली जलाने से रोकने हेतु कृषि विभाग की और से पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है
पराली जलाने पर मृदा को भी हानि होती है, खेत में पराली जलाने पर शासन की ओर से दण्डात्मक कार्यवाही या जुर्माना के रूप में कार्रवाई की जाती है।

*हैप्पी सीडर/सुपर सीडर मशीन के संबंध में दी जानकारी*

उप संचालक कृषि राम सुजान शर्मा ने बताया है कि हैप्पी सीडर/सुपर सीडर से धान के खेत में सीधे बुवाई करने पर समय की बचत और उत्पादन में वृद्धि होती है। जिले में सुपर सीडर पांच उपलब्ध हैं और 14 के स्वीकृत आदेश जारी कर दिए गए हैं।
कस्टम हायरिंग सेंटर पर भी सुपर सीडर और हैप्पी सीडर मशीन किसानों को किराए पर उपलब्ध हो सकेगी।
सुपर सीडर से गोहद क्षेत्र में सीधे बबाई करने पर फसल का अंकुरण जल्दी होता है और समय की बचत होती है। इसका डेमो का फ़ोटो और वीडियो भी दिखाया गया।
कोई भी किसान जिनके पास 50 हॉर्स पावर से अधिक का ट्रैक्टर हो वो आवेदन कर सकता है इस मशीन पर शासन की तरफ से अधिकतम एक लाख का अनुदान दिया जा रहा है।
किसान भाई ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर स्वयं या एमपी ऑनलाइन से आवेदन कर सुपर सीडर मशीन को खरीद कर एक लाख रुपए अनुदान प्राप्त कर सकते हैं।

*राजस्व महा-अभियान 3.0 के संबंध में दी जानकारी*

अपर कलेक्टर एलके पाण्डेय ने बताया कि राजस्व महा-अभियान 3.0, दिनांक 15 नवम्बर 2024 से प्रारम्भ हो गया है। जो 15 दिसम्बर 2024 तक चलेगा।
उन्होंने बताया कि राजस्व महा अभियान का उद्देश्य राजस्व प्रकरणों का त्वरित निराकरण करना है। जिसके अंतर्गत 15 अक्टूबर से लेकर जो पेंडिंग प्रकरण हैं उनका निराकरण किया जाएगा। जिसमें नामांकन, बंटवारा, सीमांकन, अभिलेख दुरुस्ती, परंपरागत रास्ते, नक्शा बटांकन, आधार से खसरा लिंकिंग, ई-केवाईसी, पीएम किसान निधि संबंधी प्रकरणों का निराकरण इस अभियान के दौरान किया जाएगा।

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