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विनम्रता सफलता की कुंजी है : पुष्पदंत सागर

पंच कल्याणक में भगवान के माता-पिता की गोद भराई मेवा-फल आदि से की

भिण्ड। जैन संत गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर महाराज भिण्ड नगर को अपने सत्संग के रंग मे प्रतिदिन रंगे हुए है। शुक्रवार को उन्होंने जीवन के उतार-चढ़ाव के समय मस्ती के साथ जीवन जीने के गुर दिए और कहा कि विनम्रता सरलता सफलता की कुंजी है, जिंदगी दु:ख व मृत्यु के साथ जुड़ी है, जन्म के साथ मृत्यु भी निश्चित है और बीमारी या बुढ़ापा मृत्यु की चौखट है। जीवन में होने वाली हर एक गतिविधि एक ना एक संकेत देती है, जीवन या मृत्यु के बस कुछ हम समझ जाते है और कुछ ना समझी में जी जाते हैं और हां जन्म का उद्देश्य याद रखो, जन्म लेकर उसका सदुपयोग करना आवश्यक है। अगर सदुपयोग नहीं किया तो वैसे ही होगा जैसे हमने दन बहुत इकट्ठा किया पर सफर में हमसे गुम हो गया। जिन्दगी के धन को सही सही खर्च कीजिए और कर्म क्रिया करने से पहले उसके उद्देश्य को याद रखकर कीजिए और साथ ही उसका फल क्या होगा उसे भी ध्यान एवं विचार में रखकर कर्म कीजिए, अगर ऐसा करोगे तो आप का कर्म भी लगत नहीं होगा और उसका दु:ख दर्द भरा फल भी नहीं भोगना पड़ेगा।
गणाचार्य ने हर एक व्यक्ति के जीवन से जुड़े पहलुओं को गिनाते हुए कहा कि अगर आप शिक्षा के क्षेत्र या परिवार-व्यापार के क्षेत्र मे सफल होना चाहते हो तो सरलता, सहजता और सजगता से जीना शुरू कर दीजिए, सफलता आपके पास होगी आपके साथ होगी। उन्होंने कहा कि इन सबकी समझ के लिए पूरे दिन में थोड़ा सा समय स्वयं के लिए देना आवश्यक है। दुनिया से मुलाकात खूब करो पर स्वयं से मुलाकात के लिए भी कुछ वक्त निकालो, क्योंकि स्वयं की मुलाकात का जो समय ऊर्जा होगी वह तुम्हें तुम्हारे उद्देश्य और लक्ष्य को याद दिलाती रहेगी। आज बड़ी बिडंबना है कि इंसान शांति चाहता है और कार्य अशांति के करते है, इसलिए जरूरत है जो आप चाहते है उस राह चलना शुरू कर दीजिए। गर हीरा चाहते हो तो कोयले को कुरेदना बंद कीजिए, कोयले में हीरा खोजिए। शांति कि चाह में राह भी शांति की चलिए, स्वयं की भलाई के लिए दूसरों मे बुराई देखना बंद कीजिए आपका जीवन सुखद रहेगा।
इस प्रकार आज के सत्संग में संतश्री का एक लाइफ मेंजमेंट रूप देखने व लाभ मिला। साथ ही आरंभिक चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन, गुरु चरण प्रक्षालन और प्रतिदिन की भांति जन मैदनी के साथ भक्ति के साथ गुरू पूजन करने का सौभाग्य महावीर मेडिकल परिवार ने प्राप्त किया। प्रज्ञश्री संघ व समाजजन ने सहयोग भूमिकाएं निभाई। साथ ही प्रवचन में किला मन्दिर पंच कल्याणक समिति ने गुरू संघ को किला मन्दिर व पंच कल्याणक व्यस्थाओं व नव निर्मित मन्दिर बेदी के अवलोकन के लिए पधारने के लिए निवेदन किया। शनिवार को सुबह सत्संग से पूर्व गणाचार्य संग चंद्रप्रभु किला मन्दिर पधारेंगे एवं बताशा बजार वाली गली स्थित ऋषभ भवन में सत्संग होगा।

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