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समता, बंधुत्व और न्याय के पुरोधा थे बाबा साहेब– डॉ शैलेंद्र परिहार।

समता, बंधुत्व और न्याय के पुरोधा थे बाबा साहेब– डॉ शैलेंद्र परिहार।

शिक्षित वह जिसमें समाज के प्रति संवेदना हो- शिवप्रताप सिंह।

बाबा साहेब का कृत्य और व्यक्तित्व से शिक्षा ले समाज–श्रवण पाठक।

बाबा साहेब प्रेरणा के पुंज सीख ले समाज: राधे गोपाल यादव।

बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 134वीं जयंती के उपलक्ष्य में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद ने किया व्याख्यान माला का आयोजन

भिण्ड। समता बंधुता और न्याय के सही मायने में यदि कोई पुरोधा था तो बाबा साहब थे उन्होंने जो कानून बनाए वह किसी जाति वर्ग या धर्म को देखकर नहीं बल्कि समग्र को दृष्टि में रखते हुए बनाए। उनके जो भी कार्य रहे हैं वह राष्ट्र को समृद्ध और शक्तिशाली करने के रहे हैं।
उक्त बात प्रसिद्ध चिकित्सक समाजसेवी डॉ शैलेंद्र परिहार ने कही। वे बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 134वीं जयंती के उपलक्ष्य में भिंड, अटेर विकासखंड में आयोजित व्याख्यानमाला में बोल रहे थे। इस अवसर पर मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक डॉ शिव प्रताप सिंह भदोरिया, वरिष्ठ समाजसेवी श्रवण पाठक, धीरज शुक्ला, खेलों के द्रोणाचार्य राधे गोपाल यादव,नवांकुर संस्थाओ के प्रतिनिधि, मेंटर्स, छात्र और अन्य समाजसेवी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मेंटर्स नीरज शर्मा ने और आभार जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह ने किया।
पीएम श्री एम जे एस शासकीय महाविद्यालय भिंड में संगोष्ठी का शुभारंभ डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर किया गया। मुख्य अतिथि की हैसियत से शिरकत कर रहे डॉ शैलेंद्र परिहार ने कहा कि यह हमें तय करना है कि हमें किस प्रकार कार्य करना है जो अच्छे कार्य करते हैं समाज सदैव उनका ऋणी होता है नई पीढ़ी सदैव उनका अनुकरण करती है। हम सबको बिना किसी वैमनस्यता, भेदभाव के अच्छे कार्यों में संलग्न रहना चाहिए। आगे आने वाली पीढ़ी भी सदैव उनसे प्रेरणा लेती रहेगी हमें उनके आदर्शों पर चलकर उनके बताए गए समाज का निर्माण करना है तभी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अभी हमें मानसिक रूप से भी समृद्ध होना होगा तभी बाबा साहब की प्रासंगिकता साकार हो सकेगी। उन्होंने बाबा साहब के बारे में जन्म से लेकर और अंत तक उनके कृतियों पर प्रकाश डाला और विस्तृत व्याख्या करते हुए उनके जीवन के प्रमुख कालखंड को लोगों के मध्य रखा। श्री परिहार ने कहा कि हमें उनके आदर्शों पर चलकर उनके बताए गए समाज का निर्माण करना है तभी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अभी हमें मानसिक रूप से भी समृद्ध होना होगा तभी बाबा साहब की प्रासंगिकता साकार हो सकेगी। जिला समन्वयक *शिव प्रताप सिंह भदोरिया* ने कहा कि शिक्षित वह है जिसमें समाज के प्रति संवेदना का भाव हो, बाबा साहब ऐसे ही संवेदनशील महापुरुष थे वह ऐसे विचारक थे जिनसे हमें सकारात्मक प्रेरणा मिलती है। अतः महापुरुषों से हम अच्छे विचारों और कार्यों की सीख लें, और सभी के साथ समानता का व्यवहार करें जिससे राष्ट्र को एक नई दिशा मिले और हम सब प्रगति की तरफ निरंतर बढ़ते रहें। श्री भदौरिया ने कहा कि ईश्वर हमेशा समाज में समाज के लिए निमित्त तैयार करता है बाबा साहब ने भी निमित्त बनकर समाज को एक नई दिशा दी। वह अद्भुत मेधा के धनी थे। वे किसी एक वर्ग के व्यक्ति नहीं थे वह सदैव समाज की कुरीतियों के विरुद्ध खड़े रहे और जरूरतमंदों की सदा मदद की। उनकी समग्र सोच ही उनको बड़ा बनाती है हमें उनसे सीख लेने की आवश्यकता है। महापुरुषों से सीख लें और इतिहास रचें। यही इन समानता पर्व का नवनीत होगा।
विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए *श्रवण पाठक* ने कहा कि कई महापुरुषों ने अच्छे कार्य किए हैं जिनसे समाज को एक विचार भी मिला है। उनके इन्हीं विचारों और कार्यों से नई पीढ़ी को सीख मिलती है डॉ भीमराव अम्बेडकर भी ऐसे ही विचारक हैं हमें यह ध्यान रखना होगा।बाबा साहब ने सर्वहित और सर्व समाज के लिए कार्य किया उनके जीवन के कई ऐसे उदाहरण हैं जिसमें उन्होंने सदैव राष्ट्र को केंद्र में रखकर कार्य किया है हमें उनसे सीख लेनी चाहिए और उनके आदर्शों पर चलकर समाज में अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। खेल विशेषज्ञ राधे गोपाल यादव ने कहा कि बाबा साहेब ने सर्वहित और सर्वसमाज के हित की बात की आज बाबा साहब के मूल्यों और आदर्शों पर चलने की आवश्यकता है उनके लिए यही एक दिन नहीं बल्कि 365 दिन हैं उन्होंने कभी भी किसी विशेष जाति वर्ग के लिए काम नहीं किया। समाजसेवी धीरज शुक्ला ने कहा बाबा साहब के बारे में जितना भी कहा जाए उतना कम है उनके लिए कोई एक घंटे या 1 दिन की व्याख्यानमाला पर्याप्त नहीं है बल्कि वह अपने आप में इतना विस्तृत किरदार हैं कि आगे आने वाली पीढ़ी भी सदैव उनसे प्रेरणा लेती रहेगी।
कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उक्त व्याख्यानमाला का आयोजन मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के माध्यम से भिंड और अटेर विकासखंड में किया गया।

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