भिण्ड में आखिर कब खत्म होगी अटैचमेंट व्यवस्था : डॉ. भारद्वाज
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. भारद्वाज मख्यमंत्री के नाम लिखेंगे खुला पत्र

भिण्ड। शासन के नियमों के विपरीत भिण्ड जिले में कलेक्ट्रेट, जिला निर्वाचन, जिला पंचायत में कई महत्वपूर्ण पदों पर शिक्षक सहित कई विभागों में अन्य विभाग के कर्मचारियो को नियम विरुद्ध तरीके से अटैचमेंट कर दिया गया, जबकि पूर्व में ही यहां अन्य अधिकारी कार्यरत थे। शासन द्वारा नए आदेशों के अनुसार सभी अटैचमेंट समाप्त करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन भिण्ड में राजनीतिक दवाब के चलते निर्देशों का कोई पालन नहीं कि या जा रहा है। ये आरोप भिण्ड जिला कांग्रेस के प्रवक्ता और मप्र कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट डॉ. अनिल भारद्वाज ने लगाए।
डॉ. भारद्वाज ने उदाहरण देते हुए कहा कि कलेक्टर कार्यालय जिला भिण्ड में अटैच स्टेनो जिनकी पोस्टिंग जल संसाधन विभाग लहार में वर्ष 2007 में हुई थी। जहां से वो एक वर्ष बाद अर्थात 2008 से अपर कलेक्टर भिण्ड के कार्यालय में अटैच हो गए थे। इसके बाद वर्ष 2016 से स्टेनो टू कलेक्टर के यहां अटैच हैं। जबकि सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट आदेश हैं कि अटैचमेंट समाप्त किए जाएं। इस संबंध में शासन द्वारा समय-समय पर आदेश भी जारी किए गए हैं। जिसके अनुसार आदेश क्र. एफ/6-2/2012/एक/9, दि. 25 जून 2013 द्वारा सभी प्रकार के संलग्नीकरण तत्काल समाप्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी प्रकार आदेश 18 जनवरी 2000, 4 जून 2019 एवं 24 जून 2021 से भी सभी प्रकार के अटैचमेंट समाप्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं। शासन के इसी आदेश के आधार पर वर्ष 2018 में उनका अटैचमेंट आदेश 21 दिसंबर 2018 को समाप्त किया जाकर उन्हें मूल विभाग जल संसाधन लहार के लिए आदेश जारी किया गया था। परंतु इनके द्वारा पूर्व कलेक्टर धनराजू एस पर राजनैतिक दवाब डलवाकर उक्त आदेश को उसी दिन निरस्त करवाया गया। इस प्रकार स्टेनो टू कलेक्टर के पद पर नियम विरुद्ध तरीके से शासन आदेश के विपरीत अटैच बने हुए हैं।
गौरतलब है कि पूर्व में इनका आदेश निर्वाचन कार्य को संपन्न कराने हेतु आदेश क्र.7813 दि. 30 जुलाई 2020 से आगामी आदेश तक के लिए संयोजित किया गया था। जबकि निर्वाचन कार्य काफी लंबे समय पूर्व ही समाप्त हो चुका है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि गुप्ता के मूल विभाग जल संसाधन द्वारा इन्हें वापिस किए जाने की मांग भी पत्र क्र.360 दि.14 फरवरी 2019 एवं पत्र क्र.2054 दि. 17 जुलाई 2019 से की गई किंतु अभी तक इन्हें मूल विभाग में वापिस नहीं किया गया। डॉ. भारद्वाज ने अटैचमेंट व्यवस्था को जिला कलेक्टर से समाप्त करने की मांग की है। साथ ही इस प्रकार शासन के नियमों की अनदेखी न हो उसके लिएं मुख्यमंत्री के लिए अटैच कर्मचारियों के नामों का उल्लेख किया हुआ खुला पत्र लिखने की बात कही है।




