अंतरराष्ट्रीय कथावाचक श्री विमल क्रष्ण पाठक की भागवत में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब। भगवान श्री राम जी एवं क्रष्ण जी के जन्मोत्सव पर जमकर झूमे भक्त।

अंतरराष्ट्रीय कथावाचक श्री विमल क्रष्ण पाठक की भागवत में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब।
भगवान श्री राम जी एवं क्रष्ण जी के जन्मोत्सव पर जमकर झूमे भक्त।
भिंड जिले के रौन क्षेत्र के सुप्रसिद्ध कालका माता मंदिर के पास बहादुरपुरा (बघेली) हार वाले हनुमान जी मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत
कथा के चौथे दिन के प्रसंग में वृन्दावन धाम से पधारे आचार्य पं. विमल कृष्ण पाठक जी महाराज ने बताया कि जब जीव छल कपट त्याग कर शरणागति भाव से पूर्ण रूप से परमात्मा के प्रति समर्पित हो जाता है तो भगवा उसे अपना बना लेते है । बलि वामन चरित्र श्रवण कराया। बलि ने वामन ब्राह्मण का बड़ा सत्कार किया। ब्राह्मण सर्व वन्दनीय और पूज्यनीय है। वगैर ब्राह्मण के हमारे जीवन में कोई संस्कार नहीं होता। और यदि हम ब्राह्मणों के बगैर ही कोई संस्कार करते हैं तो वो हमें फलीभूत नहीं होता। ब्राह्मणों का सदा आदर सम्मान करना चाहिये। देवता मंत्रों के आधीन होते है,आज समाज में लोगों को जातिवाद का बड़ा ही चस्का है। हर जानते वाला व्यक्ति अपने को ही श्रेष्ठ मानता है। जब कि ब्राह्मण सदा समाज के हित के लिये ही कार्य करता है। शास्त्रों के मतानुसार ब्राह्मण ही श्राद्ध है। लेकिन ब्राह्मणों को भी इस बात का अभियान नहीं करना चाहिये। परमात्मा ने यदि ब्राहाण बनाया है तो हम जगत कल्याण के किए सदा अग्रसर रहे,फिर रामकथा का वर्णन किया, और बताया कि रामकथा सुनकर हम सच्चे मानव बनने का प्रयास करें, जिसके जीवन में मर्यादा, आदर्श, नम्रता शहनशीलता हो वही सच्चा मानस है। प्रत्येक जीव के प्रति प्रेम और दया भाव ही इंसानियत है। दान की महिमा बताते हुये कहा कि कलियुग में जबतक लोग दान करते रहेगे तब तक धर्म टिका रहेगा,दान से ही धर्म की रक्षा धर्म का प्रचार प्रसार होगा। हर व्यक्ति को अपनी क्षमतानुसार दान अवश्य करना चाहिये। दान से ही हमारे धन की कुछ होती है। दान से ही हम ईश्वर तक पहुँच सकते है फिर भगवान श्री राम जी एवं श्रीकृष्ण प्राकट्य की कथा सुनाई। धूमधाम से नन्दोत्सव मनाया। बधाई भजन- नंदू जू के अंगना में बज रही आज वधाई –
गाकर भवतों को खूब आनन्दित किया।




