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दस्तक एवं मिशन इन्द्रधनुष अभियान हेतु कार्यशाला आयोजित

नौ माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन ए, 18 जुलाई से 31 अगस्त तक चलेगा दस्तक अभियान

भिण्ड। दस्तक एवं मिशन इन्द्र धनुष अभियान की जिला स्तरीय अंतर्विभागीय बैठक का आयोजन कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शिवराम सिंह कुशवाह, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल गोयल, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अब्दुल गफ्फार, संभाग से पधारे संभागीय समन्वयक एनआई डब्ल्यूएचओ मिर्जा रफीक बैग, सर्विलेंस ऑफीसर डॉ. एमएस राजावत, शिक्षा विभाग एवं एनजीओ से प्रतिनिध एवं समस्त जिला कार्यक्रम अधिकारी, समस्त खण्ड चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम एवं बीसीएम उपस्थित रहे।
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने बैठक में दस्तक अभियान की समीक्षा की तथा सभी बीएमओ को निर्देश दिए कि शून्य से पांच वर्ष तक के समस्त बच्चों का पंजीकरण जो अभी 92 प्रतिशत है, उसे 100 प्रतिशत करना सुनिश्चित करें तथा समस्त बच्चों तक पहुंच सुनिश्चित कर प्रत्येक बच्चे को आवश्यकता अनुसार उपचार, सलाह एवं रेफरल कार्य किया जाए, कार्य की मॉनिटरिंग प्रत्येक स्तर से की जाए एवं कार्य प्रगति की प्रतिदिन समीक्षा की जाए, जिन बच्चों को रेफर किया जाएगा उनके उपचार की उचित व्यवस्था की जाएगी। दस्तक अभियान में समस्त नौ माह से पांच वर्ष के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाना सुनिश्चित करें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शिवराम सिंह कुशवाह ने कहा कि प्रदेश में बाल मृत्यु प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा प्रति वर्ष महिला एवं बाल विकास के समन्वय से दस्तक अभियान संचालित किया जाता है। यह अभियान वर्ष में दो बार आयोजित किया जाता है। अभियान का प्रथम चरण 18 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है, जो कि 31 अगस्त तक जारी रहेगा। इसमें एएनएम, आशा, आंगनबाडी की संयुक्त टीम घर-घर जाकर बच्चों की जांच करेगी एवं बीमारियों की पहचान एवं त्वरित उपचार एवं प्रबंधन किया जाएगा।
संभागीय समन्वयक एनआई मिर्जा रफीक बैग ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि दस्तक अभियान के दौरान पांच वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, रेफरल एवं प्रबंधन, छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों में गंभीर एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बाल्यकालीन दस्त रोग की पहचान एवं नियंत्रण हेतु ओआरएस एवं जिंक के उपयोग संबंधी सामुदायिक जागरुकता में बढ़ावा एवं प्रत्येक घर में गृह भेंट के दौरान ओआरएस पहुंचाना, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में शैशव एवं बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल, नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए अनुपूर्ण, बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों एवं वृद्धि विलंब की पहचान, पांच वर्ष तक की आयु वाले बच्चों में श्रवण बाधिता एवं दृष्टि दोष की पहचान, समुचित शिशु एवं बाल आहार पूर्ति संबंधी समझाइश सामुदाय को देना। एसएनसीयू एवं एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग तथा फोलोअप को प्रोत्साहन, गृह भेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत एवं छूटे हुए बच्चों की टीकाकरण स्थिति की जानकारी लेना शामिल है। मिशन इन्द्रधनुष 5.0 अभियान हेतु डॉ. एमएस राजावत एसएमओ डब्ल्यूएचओ ने पीपीटी के माध्यम से उक्त अभियान के बारे में बताया मिशन इन्द्रधनुष का प्रथम चरण सात से 12 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा, जिसके अंतर्गत टीकाकरण से छूटे हुए बच्चे तथा गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा।

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