मनुष्य को जीवन में धैर्यवान रहना चाहिए : पं. भारद्वाज
दंदरौआ धाम परिसर में प्रवचन हो रहे हैं

भिण्ड। मनुष्य को अपने जीवन में धैर्यवान रहना चाहिए। बुरे समय में ही मनुष्य के धैर्य की परीक्षा होती है। यह उद्गार संत पं. रामेश्वर दयाल भारद्वाज ने दंदरौआ धाम परिसर में प्रवचन के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि जब माता सीता को रावण ने अशोक वाटिका में बंदी बना लिया तो हनुमान जी ने खोज कर भगवान श्रीराम की मुिद्रका माता सीता को पहचान के रूप में दिखाई एवं भेंट कर उनके अधीर मन को शांत किया और हनुमानजी ने लंका दहन कर दिया। इसी प्रकार इस संसार में मनुष्य का समय एक सा नहीं रहता है। समय चक्र बदलता है और इसके साथ परिस्थितियां भी बदलती रहती है। मनुष्य का आज यदि बुरा समय है, तो कल अच्छा समय भी आएगा। मनुष्य को भगवान पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य को भगवान में आस्था रखने के साथ-साथ कठिन समय में ईश्वर के सानिध्य में रह कर शांति और धैर्य से जीवन का निर्वाह करना चाहिए। इस अवसर पर मनोज भारद्वाज, रामबरन पुजारी, नरसी दद्दा सहित अनेक श्रृद्धालु मौजूद रहे।




