दुर्गा पांडाल का उपयोग राजनैतिक गतिविधियां ना हों, जिले में मूर्ति विसर्जन,अस्थाई कुंड में ही किया जाएगा – कलेक्टर।

दुर्गा पांडाल का उपयोग राजनैतिक गतिविधियां ना हों, जिले में मूर्ति विसर्जन,अस्थाई कुंड में ही किया जाएगा – कलेक्टर।
आदर्श आचरण संहिता का पालन करना सुनिश्चित किया जाए।
एनजीटी के निर्देश अनुसार पर्यावरण की सुरक्षा प्राथमिकता।
आम जनता के सहयोग से वातावरण की सुरक्षा और नदी संरक्षण के लिए प्रदूषण को रोकना जरूरी।
भिण्ड / जिले में दुर्गा मूर्ति का विसर्जन अस्थाई कुंड बनाकर किया जाएगा, इसके लिए गौरी सरोवर, नदी के किनारों पर अस्थाई कुंड बनाए जायेंगे।
जिले में सभी तहसीलों और स्थानीय स्तर पर अस्थाई कुंड बनाए जाएंगे और मूर्ति विसर्जन केवल कुंडों में ही किया जाएगा। मूर्ति विसर्जन के समय नगर पालिका, नगर पंचायत, स्थानीय स्तर पर लाइट की व्यवस्था करेंगे, इसके लिए एमपीईबी और नगर पालिका सीएमओ को भी निर्देश दिए गए। दुर्गा मूर्ति विसर्जन के लिए शांति समिति में सामूहिक रूप से निर्णय लिया गया की जिले में कुंड में ही मूर्ति विसर्जन किया जाएगा। आम जनता को इसकी जानकारी देने के लिए नगर पालिका, नगर पंचायत, और ग्राम पंचायत पर भी मीटिंग बुलाकर इस संबंध में जानकारी दी जाएगी।कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश अनुसार नदियों, तालाबों और प्राकृतिक स्रोतों में जल जीवों के संरक्षण और पानी में गंदगी से रोकने के लिए मूर्ति विसर्जन अस्थाई कुंडों में ही किया जायेगा।कलेक्टर भिण्ड ने निर्देश दिए की विसर्जन स्थलों और नदियों के आस पास ही अस्थाई कुंड बनाए जायेंगे। इसके अतिरिक्त कुछ जगहों शहर में विसर्जन के लिए मूर्तियों को एकत्रित कर कुंड में ही विसर्जन किया जाएगा। इसके लिए नगर पालिका के द्वारा अस्थाई रूप से मूर्ति एकत्रित केंद्र भी बनाए जाएंगे और पूरी विधि विधान से दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।उन्होंने सीएमओ भिण्ड को निर्देश दिए कि जुलूस नकलने के तुरंत बाद ही जुलूस रास्ते की साफ सफाई तत्काल करवा दी जाए।उन्होंने आदर्श आचरण संहिता को दृष्टिगत रखते हुए कहा कि दुर्गा पांडाल का उपयोग राजनैतिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जाए। इसका विशेष ध्यान रखा जाए।अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक ने कहा की जन सुरक्षा और आम आदमी की सुविधा के लिए इस बार शहर में पुलिस की व्यवस्था चाक चौबंद रहेगी। विसर्जन स्थलों के आस पास भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए जवान की ड्यूटी लगाई जायेगी। थाना स्तर पर भी अलग से स्थानीय स्तर पर शांति समिति की बैठक का आयोजन किया जायेगा। बैठक में सभी समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित रहे और उन्होंने अपने विचार रखे।




