समाधान आपके द्वार’’ शिविर में 31 हजार प्रकरणों का हुआ निराकरण।

‘‘समाधान आपके द्वार’’ शिविर में 31 हजार प्रकरणों का हुआ निराकरण।
समाज के निर्धन तथा वंचित वर्गों को सुलभ एवं समुचित तरीके से त्वरित न्याय दिलाने तथा ‘‘न्याय सभी के लिए’’ संकल्प को आगे बढ़ाते हुए म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर एवं न्यायमूर्ति रोहित आर्या प्रशासनिक न्यायमूर्ति म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर एवं सह-अध्यक्ष उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति ग्वालियर द्वारा ‘‘समाधान आपके द्वार’’ अभियान का आरंभ किया गया है।
इस संकल्प को आगे ले जाने तथा अभियान की अधिकतम सफलता सुनिश्चित करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड पूर्णतः वचनबद्ध है। जिसके क्रम में राजीव कुमार अयाचाी, प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष एवं हिमांशु कौशल, सचिव के मार्गदर्शन में ‘‘समाधान आपके द्वार’’ योजना एवं शिविर का सफल आयोजन किया गया है।
‘‘समाधान आपके द्वार’’ योजना शिविर का जिला मुख्यालय भिण्ड एवं तहसील न्यायालय लहार, गोहद एवं मेहगांव में स्थानीय प्रशासन पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, वन विभाग, विद्युत विभाग, जिला पंचायत, नगरपालिका आदि के समन्वय एवं सहयोग से आयोजन किया गया। उक्त शिविर में संबंधित समस्त विभागों के लंबित प्रकरणों एवं प्रीलिटिगेशन के प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें न्यायालय एवं शासन के विभिन्न विभागों द्वारा लंबित एवं प्रीलिटिगेशन स्तर पर कुल 31 हजार प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा हजारों व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया।
पति-पत्नी के विवादों का हुआ समाधान, खिले चेहरे
आवेदक प्रीति नरवरिया ग्राम रवियापुरा थाना मेहगांव जिला भिण्ड म.प्र. का विवाह अनावेदक यदुवीर सिंह उर्फ छत्रपाल सिंह नरवरिया पुत्र भारतसिंह नरवरिया निवासी ग्राम रजपुरा थाना पावई जिला भिण्ड के साथ 11 जून 2012 को हिंदू विधि से संपन्न हुआ था। विवाह के पश्चात् उभयपक्ष के मध्य आपसी विवाद हो जाने के कारण आवेदिका प्रीति नरवरिया अनावेदक से पृथक अपने मायके में निवास करने लगी थी। आवेदिका ने 19 दिसम्बर 2023 को अनावेदक से भरण-पोषण राशि दिलाये जाने बावत् धारा 125 द.प्र.सं. का प्रकरण प्रस्तुत किया था।
उभयपक्ष आज समाधान आपके द्वार शिविर में कुटुम्ब न्यायालय खण्डपीठ के समक्ष उपस्थित हुये उभयपक्ष को साथ-साथ रहने की समझाईश दी गयी तो उभयपक्ष साथ रहकर दाम्पत्य जीवन का निर्वहन करने के लिये तैयार हुये तथा अनावेदक अपनी पत्नी व बच्चों को भरण-पोषण करने के लिये तैयार हुआ। प्रकरण राजीनामा के आधार पर समाप्त किया गया। दोनों परिवार न्यायालय से खुशी-खुशी अपने घर गए।




