पं. सेवाराम शास्त्री के द्वारा कही गई सुदामा चरित्र की कथा सुनने पहुंचे सैकड़ो श्रोता।

पं सेवाराम शास्त्री के द्वारा कही गई सुदामा चरित्र की कथा सुनने पहुंचे सैकड़ो श्रोता।
भिंड के पुरानी बस्ती ब्रह्मपुरी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को कथा व्यास ने सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा जी भगवान श्री कृष्ण के परम मित्र थे। श्री कृष्ण से उनकी मित्रता ऋषि संदीपनी के गुरुकुल में शिक्षार्जन के समय हुई सुदामा जी अपना व अपने परिवार पत्नी तथा बच्चों का भरण पोषण ब्राह्मण रीति के अनुसार भिक्षा मांग कर किया करते थे। सुदामा इतने में ही संतुष्ट रहकर हरि भजन करते रहते थे। एक दिन वह अपनी पत्नी के कहने पर सहायता के लिए द्वारकाधीश श्री कृष्ण के पास गए। उनकी दशा देखकर तीनों लोकों के स्वामी की आंखों से आंसू आ गए उन्होंने अपने मित्र सुदामा की सेवा करके उन्हें वहां से विदा कर दिया जब सुदामा जी अपने नगर पहुंचे तो उन्होंने पाया की उनकी टूटी-फूटी झोपड़ी के स्थान पर सुन्दर महल बना हुआ है। सुदामा चरित्र की कथा के दौरान भजन “देखो देखो ये गरीबी ये गरीबी का हाल” पर झांकी के साथ मंचन हुआ तो पंडाल में मौजूद लोग भावुक होकर झूमने लगे। कथा व्यास सेवाराम शास्त्री ने श्री कृष्ण सुदामा के प्रसंग को सुनाया और उनके भजनों पर परीक्षित रमेश श्रीवास परिवार सहित झूमे। भागवत कथा सुनने के लिए रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी कथा समापन पर श्रद्धालुओं को चरणामृत व फलों का प्रसाद वितरण किया गया।




