देवदूतों द्वारा एक रात में बना वोरेश्वर मंदिर – ग्रामीण, मंदिर की भभूति लगाने से शरीर के मसा होते हैं खत्म।

देवदूतों द्वारा एक रात में बना वोरेश्वर मंदिर – ग्रामीण, मंदिर की भभूति लगाने से शरीर के मसा होते हैं खत्म।
शिवलिंग पर चावल चढ़ाए जाते है चावलों से कोई नहीं ढक पाया शिवलिंग।
9 सितंबर को मौरछट मेले की तैयारियां पूर्ण।
शादी की मौर विसर्जित करने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
मेले में एक लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं।
*देवदूतों ने एक रात में मंदिर का कराया था निर्माण!* भिंड जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर अटेर विधानसभा में है वोरेश्वर धाम का मंदिर जो अनसुलझा, काफी पुराना व प्राचीन मंदिर है। ऐसी किंवदंतियां है कि यह मंदिर देवदूतों के द्वारा एक ही रात में बनबाया था, मगर पुरातत्व विभाग के अनुसार 10 वीं सदी में राजाओं के द्वारा बनवाया गया मंदिर है। मंदिर की छत एक ही पत्थर से बनी हुई है, मंदिर में विशाल शिवलिंग है मंदिर के सामने नंदी की प्रतिमा है और मंदिर में दो प्रवेश द्वार हैं।
*मंदिर की भभूत लगाने से शरीर के मसा होते हैं खत्म!*
वोरेश्वर मंदिर के संत सतीश महाराज ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों के शरीर या चेहरे पर मशे होते हैं तो यहां की भभूत लगाने से ही उनके मशे ठीक हो जाते हैं।
*मनोकामना पूर्ण होने के लिए लोग चढ़ाते हैं चावल!* गांव के सरपंच संजय दैपुरिया ने बताया कि लोग मनोकामना पूर्ण होने के लिए चावल चढ़ाते हैं और खास बात यह है कि जो लोग चावल चढ़ाना शुरू करते हैं उन्हें अगली साल दुगना चावल चढ़ाना पड़ता है यह सिलसिला मनोकामना पूर्ण होने तक जारी रहता है। सरपंच ने बताया कि मंदिर में विशाल शिवलिंग है और शिवलिंग पर कितनी भी चावल चढ़ाए जाएं मगर उसे कोई ढक नहीं पाया है।
*शादी की मौर विसर्जित करने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं!* वोरेश्वर धाम मंदिर के पास स्थित पुराना तालाब है इसी तालाब में मौर विसर्जित की जाती है। ऐसी मान्यता है कि दूल्हे एवं दुल्हन के जो शेहरे होते है उन पर जो मौर लगी रहती है शादी होने के उपरांत मौरछठ के दिन उन्हें विसर्जित करने के लिए यहां हजारों की संख्या में लोग आते हैं, इस बार 9 सितंबर को मौरछठ है और इसी दिन मंदिर परिसर में विशाल मेला लगता है।
*मौरछठ के दिन मंदिर के पीछे दिखाई देता है नाग नागिन का जोड़ा!* सतीश महाराज ने बताया कि मोर छठ के ही दिन मंदिर के पीछे जो बांमी है वहां अक्सर लोगों को नाग नागिन के दर्शन होते हैं।
*मेले को लेकर प्रशासन की तैयारी पूरी!* भिंड जिले के वोरेश्वर मंदिर पर मोर छठ के दिन विशाल मेला लगता है जिसको लेकर प्रशासन की ओर से मीटिंग रखी गई थी जिसमें ट्रैफिक, पार्किंग, सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को लेकर चर्चा की गई ताकि मेले में किसी भी प्रकार का कोई व्यवधान न हो, सुरक्षा को लेकर पुलिस फोर्स की भी तैनाती की जाएगी।
भिंड से प्रदीप राजावत की रिपोर्ट।




