मिशन वात्सल्य के तहत डाइट परिसर भिंड में प्रशिक्षण सह कार्यशाला का हुआ आयोजन।

मिशन वात्सल्य के तहत डाइट परिसर भिंड में प्रशिक्षण सह कार्यशाला का हुआ आयोजन।
*चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के बारे में विस्तार से दी गई जानकारी*
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी पवन तिवारी के निर्देशन में मध्य प्रदेश शासन महिला एवं बाल विकास विभाग की निर्देशानुसार मिशन वात्सल्य के तहत डाइट परिसर भिंड में प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया, कार्यशाला में विभाग की ओर से बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना द्वारा कार्यशाला में उपस्थित समस्त माध्यमिक शिक्षकों, प्रधानाचार्य को चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और अवगत कराया गया कि चाइल्ड हेल्पलाइन 2023 से शासन द्वारा संचालित है और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इसका संचालन किया जा रहा है, हाल ही में भारत सरकार द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन का नया लोगो लॉन्च किया गया है। लोगो के संबंध में सभी प्रतिभागियों को लोगो का बैज और स्टीकर उनकी संस्था में चश्पा करने हेतु स्टीकर प्रदान किए गए जिसके माध्यम से चाइल्ड लाइन का अधिक से अधिक प्रचार हो सके।
कार्यशाला में अवगत कराया गया कि चाइल्ड हेल्पलाइन आपातकालीन सेवा है जो सप्ताह के सातों दिवस और दिन के 24 घंटे कार्यरत रहती है यह टोल फ्री नंबर है, किसी भी फोन से किसी भी जगह से यह नंबर लग जाता है। बच्चों के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत, समस्या होने पर तत्काल चाइल्ड हेल्पलाइन पर संपर्क किया जा सकता है और यह भी अवगत कराया गया की शिकायत के संबंध में गोपनीयता का पूर्ण ध्यान रखा जाता है, बच्चे का नाम किसी भी स्थिति में सामने ना आए इसका पूरा ध्यान रखा जाता है।
चाइल्ड हेल्पलाइन पर बाल शोषण, बच्चों के साथ होने वाली गंभीर आपराधिक घटनाएं, बाल यौन शोषण, बाल विवाह, बाल भिक्षावृत्ति अथवा बच्चों के किसी भी प्रकार के शोषण की समस्या संबंधी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
प्रशिक्षण में आगे पोक्सो अधिनियम के तहत जानकारी देते हुए प्रेजेंटेशन के माध्यम से अवगत कराया गया कि हर वह व्यक्ति बालक समझा जाएगा जिसे 18 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं की है। बालक एक जेंडर न्यूट्रल शब्द है, जहां बालक से तात्पर्य बालक और बालिकाओं दोनों से है साथ ही पोक्सो एक्ट के तहत सभी शिक्षकों को उनके विद्यालय में अध्ययनरत बालकों को सुरक्षित, असुरक्षित स्पर्श की जानकारी दिया जाना अत्यंत औचित्य पूर्ण है और यदि किसी बालक के साथ इस प्रकार की घटना हुई है अथवा किसी व्यक्ति के द्वारा घटना कारीत किए जाने का प्रयास किया गया है तत्संबंध में तत्काल चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, जिले की बाल कल्याण समिति, पुलिस 112, महिला बाल विकास अथवा राष्ट्रीय बाल आयोग के पोक्सो ई बॉक्स पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज की जा सकती है।
पोक्सो ई बॉक्स पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने का तरीका भी सभी से साझा किया गया, साथ ही अपेक्षा की गई की समस्त शिक्षक अपने विद्यालयों में मासिक आधार पर बाल सभा में अथवा जो भी उपयुक्त समय लगे उसमें पोक्सो से संबंधित प्रशिक्षण लगातार विद्यालयों में आयोजित किए जाएं। यह बहुत ही संवेदनशील विषय है बालकों के साथ हमेशा संवेदनशीलता, नम्रता से ही पेश आना चाहिए और बालकों के व्यवहार परिवर्तन को भी सतत देखना चाहिए, यदि किसी बालक के व्यवहार में अचानक से कोई परिवर्तन परलक्षित होता है तो यह हम सब की जिम्मेदारी है कि उसको देखें और बालक से बात करें, उसकी काउंसलिंग करें सभी शिक्षकों से भी अपेक्षा की गई कि यदि किसी बच्चे का पढ़ाई में जो पूर्व में होशियार था, अचानक से उसका ग्राफ नीचे गिरता है अथवा बालक गुमसुम है यह बात आप अपने पेरेंट्स टीचर मीटिंग में भी बालकों के अभिभावकों से साझा कर सकते हैं जरूरी नहीं है बालक के साथ शोषण हुआ हो तभी वह परेशान हो अपितु अन्य वजह भी हो सकती हैं, तो वह भी जानना हमारे लिए बहुत आवश्यक है। साथ ही स्पष्ट किया गया कि बच्चों पर पैसा खर्च करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है उनके साथ समय खर्च करना तथा समस्त अभिभावकों शिक्षकों और बच्चे से जुड़े हर उसे व्यक्ति के लिए यह जवाब देही है या जिम्मेदारी समझा जाये अथवा एक नैतिक जिम्मेदारी है कि वह बच्चों से बात करें उनके लिए समय निकालें और एक ऐसा व्यवहार और वातावरण तैयार करें कि बालक स्वत ही अपने साथ होने वाली किसी भी प्रकार की घटना को हमें बिना डरे, बिना किसी हिचकिचाहट के आपके समक्ष साझा कर सके, इसके साथ ही बाल संरक्षण अधिकारी सक्सेना के द्वारा आगे बताया गया कि पोक्सो अधिनियम में बालकों को सभी प्रकार से सुरक्षित रखा गया है पुलिस अधिकारी पुलिस ड्रेस में बालकों से पूछताछ नहीं करेंगे अपितु सिविल ड्रेस में बालकों के साथ पूछताछ की जाएगी। बालक को थाने नहीं बुलाया जाएगा सपोर्ट पर्सन की व्यवस्था की गई है, न्यायाधीश भी सपोर्ट पर्सन के माध्यम से ही बालक से उपयुक्तियता के आधार पर सवाल करेंगे। किसी भी समय बालक को आशहज महसूस होता है तो तत्काल सुनवाई रोक दी जाएगी और बालक के रुचि अनुकूल स्थान पर और तिथि पर पुनः सुना जा सकता है। पोक्सो अधिनियम में अपराध होने के बाद पीड़ित व्यक्ति को मुआवजे का भी प्रावधान है, बाल कल्याण समिति तात्कालिक परिस्थितियों में भी पोक्सो पीड़ित व्यक्ति को अंतिरिम सहायता के लिए आदेश जारी कर सकती है। साथ ही इस कानून में अपराध को छिपाना भी अपराध माना गया है यदि कोई बालक अथवा किसी भी माध्यम से आपके पास बाल शोषण की शिकायत आती है तत्काल उसको निर्धारित प्लेटफार्म पर सूचित करें यदि किसी भी जांच में यह सामने आता है कि आपने सूचना छिपाई है तो आप भी उतने ही दोषी होंगे। कार्यक्रम में डायट प्राचार्य आनंद स्वरूप शर्मा द्वारा भी अपने उद्बोधन में उपस्थित सभी प्रतिभागियों से अपेक्षा की गई है यह अत्यधिक संवेदनशील विषय है और सभी इस विषय पर गौर करें और अधिनियम का पालन हो ऐसी व्यवस्था की जाए। कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण से संबंधित विषयों पर संपूर्ण प्रशिक्षण किट प्रदाय की गई।




