No Slide Found In Slider.
धर्म

पांडरी  बाबा धाम पर पंडित श्याम द्विवेदी के श्री मुख से चल रही श्रीमद भागवत कथा के विश्राम दिवस पर सुनने पहुंचे सैकड़ो श्रोता।

पांडरी  बाबा धाम पर पंडित श्याम द्विवेदी के श्री मुख से चल रही श्रीमद भागवत कथा के विश्राम दिवस पर सुनने पहुंचे सैकड़ो श्रोता।

भिंड जिले के सुप्रसिद्ध पांडरी धाम में चल रही श्रीमद भागवत कथा के विश्राम दिवस पर भागवताचार्य पंडित श्याम द्विवेदी के श्री मुख से भगवान श्री कृष्ण की सुदामा के साथ मित्रता और सुदामा चरित्र का वर्णन किया गया। कथा व्यास ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण जगत के पालनहार थे और सुदामा गरीब ब्राह्मण और जब पत्नी के कहने पर सुदामा श्रीकृष्ण भगवान से मिलने पहुंचे तो ऊंचे ऊंचे महलों को देख सुदामा बोले कि श्री कृष्ण से कैसे मुलाकात होगी और जैसे ही द्वारपालों के द्वारा भगवान श्री कृष्ण को बताया कि आपसे सुदामा नाम का कोई मिलने आया है तो भगवान नंगे पैरों ही उनसे मिलने के लिए दौड़ पड़े और उन्हें गले लगा लिया, भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र सुदामा के दुखों को दूर किया जो आज भी भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की सच्ची मित्रता दर्शाता है। पांडरी धाम मंदिर पर पंडित श्याम द्विवेदी के मुखारविंद एवं महंत श्री श्री 1008 लखन गिरी मोनी बाबा के मार्गदर्शन मैं श्रीमद् भागवत कथा चल रही थी जिसके परीक्षत श्रीमती पुष्पा प्रमोद चौधरी थे, कथा विश्राम के दिन चरण सेवक गणेश शिवहरे ने कथा व्यास एवं वहां पर मौजूद सभी साधु संतों का सोल श्रीफल से स्वागत किया।

a

Related Articles

Back to top button