यदि जीवन में यदि कुछ बनना है, तों हमेशा सत्संगती में रहो :आचार्य बालकृष्ण जी सारस्वत।

यदि जीवन में यदि कुछ बनना है, तों हमेशा सत्संगती में रहो :आचार्य बालकृष्ण जी सारस्वत।
भिंड जिले के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मानहड़ के श्रीं वनखण्डेश्वर धाम शिद्दपीठ पर चल रहे श्रीं रन्द्र महायज्ञ एवं श्रीं शिवमहापुराण कि कथा के आज तीसरे दिन, प्रभु शिव कि महिमा का वर्णन करते हुए, कही, आचार्य ने बताया यदि हमें अपने जीवन में सफल होना है तों प्रभु भूत भावन भगवान शिव का अनुसरण करना चाहिए, श्रीं व्यास जी बताते है, श्रीं रामचरिमानस में लिखते है, कि “लिंग थप विधिवत कर पूजा शिव समान प्रिय मोह न दूजा, अतः हम सबको शिव भक्ति में रम जाना चाहिए,कल्पवृक्ष के समान फल देती है शिव कथा,तपोनिधि निरजनी अखाड़े के महंत श्रीं श्रीं 1008 मदनमोहन गिरी जी महाराज कहते है कि शिव कथा परम कल्याण करने वाली है, इसके श्रावण मात्र से हि कल्याण हो जाता है, मानव सारे वंधनों और कस्टो से मुक्त हो जाता है, इसलिए शिव कथा का श्रावण और उसका मनन अबस्य करना चाहिए,शिव कथा एक अमृत कि धारा है, जो मृत जीवन को पुनः प्रफुल्लित कर देती है,
केवल ओम नमः शिवाय बोलने मात्र से हि कल्याण हो जाता है
श्रीं वनखण्डेश्वर धाम शिद्धपीठ के महंत श्रीं 1008 रामस्वरूप गिरी (फक्कड़ बाबा) ने कहा कि केवल ओम नमः शिवाय के बोलने मात्र से हि मानव का कल्याण हो जाता है, इसलिए भाव कुभाव से जैसे भी सोते जागते, हंसते रोते ओम नमः शिवाय बोलते रहना चाहिए




