गोवर्धन पूजा से पांडरी बाबा सगरा धाम में भागवताचार्य द्वारा दिया गया पर्यावरण संरक्षण का संदेश।

गोर्बधन पूजा से दिया पार्यवरण संरक्षण का संदेश –
भागवताचार्य
सगरा धाम पाडरी बाबा मंदिर पर चल रही भागवत कथा के छँटवे दिन वृंदावन धाम से पधारे सुप्रसिद्ध कथाकार आचार्य अंकुश जी महाराज ने भगवान कृष्ण के बाल रूपों की मधुर कथा सुनाते हुये बताया कि जिस प्रकार से भगवान कृष्ण महज़ छोटी सी आयु मे पूतना बकासुर अघासुर कालिया नाग जैसे भयंकर असुरों का बध करके मानव समाज को संदेश दिया कि हमें संसार मे बुराई मिटाने के लिये आयु या क़द मे बड़ा होने की आवश्यकता नही होती है बस हमारे भीतर दृड इच्छा शक्ति की ज़रूरत है पूज्य महाराज जी बताया कि भगवान ने अपनी कनिष्टका अंगुली पर सात दिन तक गोर्बधन पर्वत धारण करके संसार मे प्राकृति के संरझण का संदेश देते हुये कहा है कि संसार में सभी मनुष्यों को भूलकर भी प्राकृतिक संसाधनों का दुरूउपयोग नही करना चाहिये चाहे वह पानी हो या पेड़ दोनों का बे बजह दोहन भविष्य के लिये नुक़सान देह साबित हो सकता है महाराज जी ने बताया कि जिस प्रकार से बड़े बड़े शहरों मे हमें कोरोना महामारी के समय आक्सीजन की समस्या से जूझना पड़ा अगर हम भविष्य मे यैसी समस्या से नही जूझना चाहते है तो सभी मनुष्यों को कमसे कम पाँच पाँच पेड़ आवश्यक रूप से लगाने चाहिये जिससे हमें प्राकृतिक संरझण के साथ साथ गोर्बधन भगवान का आशीर्यबाद भी प्राप्त होगा ।




